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डोनाल्ड ट्रंप की सख्त नीतियों से अर्थव्यवस्थाएं हो सकती हैं प्रभावित, कई सेक्टरों पर पड़ेगा गहरा असर

Donald Trump: ट्रंप प्रशासन में बड़े राजकोषीय घाटे, संरक्षणवादी व्यापारिक कदमों, जलवायु-उपायों में गतिरोध, आव्रजन पर सख्त रुख और नियमों में ढील देने की उम्मीद है.

Donald Trump: दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में अभी हाल ही में हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति निर्वाचित होने में सफल हो गए हैं. चुनावी अभियानों के दौरान दिए गए उनके भाषणों के आधार पर कयास लगाया जा रहा है कि ट्रंप की नीतियों से भारत समेत आसियान देशों को फायदा हो सकता है, मगर दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हो सकती हैं. इसका कारण यह है कि डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां काफी सख्त होती हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिहाज से उचित नहीं माना जाता है. विशेषज्ञों की मानें, तो अर्थव्यवस्था हमेशा लचीली नीतियों के आधार पर आगे बढ़ती है. आशंका यह जाहिर की जा रही है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त आव्रजन नीतियों की वजह से कृषि, खुदरा, आतिथ्य, निर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी हो सकती है, जो अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं.

चीन के साथ बढ़ सकती है खटास

रेटिंग एजेंसी मूडीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद चीन से व्यापार और निवेश प्रवाह दूर हो सकता है, लेकिन भारत और आसियान देशों को इस बदलाव का फायदा हो सकता है. मूडीज रेटिंग्स ने कहा कि ट्रंप के 5 नवंबर 2024 को अगला राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका की मौजूदा नीतियों में बदलाव आने की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन में बड़े राजकोषीय घाटे, संरक्षणवादी व्यापारिक कदमों, जलवायु-उपायों में गतिरोध, आव्रजन पर सख्त रुख और नियमों में ढील देने की उम्मीद है.

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कृषि समेत इन क्षेत्रों में होगी श्रमिकों की कमी

मूडीज के मुताबिक, ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर अधिक आक्रामक आव्रजन नीतियों को आगे बढ़ा सकते हैं. हालांकि, इस सख्ती से कृषि, खुदरा, आतिथ्य, निर्माण और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में श्रमिकों की कमी हो सकती है. मूडीज ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में व्यापार और निवेश प्रवाह चीन से दूर जा सकता है क्योंकि अमेरिका रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश को सख्त कर रहा है.

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भारत और आसियान देशों को लाभ

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी नीति में इस बदलाव से भारत और आसियान देशों को लाभ हो सकता है. अमेरिका-चीन के बीच निरंतर ध्रुवीकरण से क्षेत्र में भू-राजनीतिक विभाजन बढ़ने का भी खतरा है, जो सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति में खलल डाल सकता है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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