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5 लाख तक बढ़ गई पीएफ एडवांस क्लेम ऑटो सेटलमेंट लिमिट, 7.5 करोड़ कर्मचारियों को फायदा

EPFO News: ईपीएफओ ने पीएफ एडवांस क्लेम की ऑटो सेटलमेंट लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. इससे 7.5 करोड़ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. अब यूपीआई और एटीएम के जरिए भी पीएफ निकासी संभव होगी. ईपीएफओ का यह कदम करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगा.

EPFO News: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7.5 करोड़ सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. संगठन ने एडवांस क्लेम (ASA) की ऑटो सेटलमेंट सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. यह कदम पीएफ खाताधारकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा. सूत्रों के अनुसार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की कार्यकारी समिति (EC) की 113वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब यह प्रस्ताव CBT की अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. स्वीकृति मिलने के बाद EPFO सदस्य ASA के तहत 5 लाख रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.

पीएफ निकासी प्रक्रिया होगी सरल

केंद्रीय न्यासी बोर्ड की यह बैठक 28 मार्च 2025 को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुई थी, जिसमें ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति भी शामिल हुए थे. सरकार का यह फैसला ईपीएफओ सदस्यों के लिए निकासी प्रक्रिया को आसान और तेज बनाने के उद्देश्य से लिया गया है. ईपीएफओ ने अप्रैल 2020 में बीमारी से जुड़ी अग्रिम निकासी के लिए ऑटो क्लेम प्रक्रिया शुरू की थी. मई 2024 में, यह सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई थी. अब इसे 5 लाख रुपये करने की तैयारी है.

ऑटो सेटलमेंट प्रक्रिया का लाभ

  • ऑटो-मोड में दावों का निपटान तीन दिनों के भीतर हो जाता है.
  • अब तक 95% दावे ऑटोमैटिक संसाधित किए गए हैं.
  • वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2.16 करोड़ ऑटो-क्लेम निपटाए गए हैं.
  • ऑटो-सेटलमेंट प्रणाली से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाएगा.

ऑटो-सेटलमेंट से फास्ट और निर्बाध सेवा

ईपीएफओ ने दावा किया है कि इस ऑटो-सेटलमेंट सुविधा के जरिए सदस्यों को फास्ट और निर्बाध सेवा मिलेगी. यह विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए मददगार होगा, जिन्हें किसी आपातकालीन स्थिति में फंड की आवश्यकता होती है.

घटेंगी 27 प्रकार की सत्यापन औपचारिकताएं

अब तक पीएफ निकासी के लिए 27 तरह की सत्यापन औपचारिकताएं होती थीं. इस बैठक में इसे घटाकर 6 करने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, सदस्य को पात्रता और दावा प्रक्रिया को समझाने के लिए अग्रिम सत्यापन विकसित किए गए हैं.

  • ईपीएफओ के अनुसार, नई प्रणाली के तहत केवाईसी और बैंक सत्यापन पूरा होते ही दावा ऑटोमैटिक प्रोसेस होगा.
  • क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना 50% से घटकर 30% हो गई है.
  • ऑटो-सेटलमेंट सिस्टम आईटी आधारित होगा, जिससे त्रुटियों की संभावना कम होगी.

यूपीआई और एटीएम से निकासी की सुविधा

भारत के कार्यबल के लिए एक और महत्वपूर्ण बदलाव लाते हुए ईपीएफओ यूपीआई और एटीएम के जरिए पीएफ निकासी की नई प्रणाली शुरू करने जा रहा है. श्रम और रोजगार सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि मंत्रालय ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की सिफारिश को मंजूरी दे दी है. इस नई सुविधा के तहत मई या जून 2025 तक पीएफ निकासी यूपीआई और एटीएम से संभव होगी. इससे सरकारी कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (GPF) और सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) योजनाओं के लिए भी एक नया रास्ता खुल सकता है.

ईपीएफओ सदस्यों को क्या लाभ होगा?

  • तेज और आसान निकासी: 5 लाख रुपये तक की निकासी अब बिना किसी जटिल प्रक्रिया के हो सकेगी.
  • कम समय में दावा निपटान: दावों को तीन से चार दिनों में स्वीकृत किया जाएगा.
  • मानवीय हस्तक्षेप की समाप्ति: पूरी प्रक्रिया आईटी प्रणाली द्वारा स्वचालित रूप से संचालित होगी.
  • डिजिटल माध्यम से सुविधाएं: यूपीआई और एटीएम से सीधा फंड ट्रांसफर की सुविधा मिलेगी.
  • अस्वीकृत दावों में कमी: एडवांस्ड सत्यापन प्रणाली के कारण अस्वीकृत दावों की संख्या में भारी कमी आएगी.

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करोड़ों कर्मचारियों को मिलेगी राहत

ईपीएफओ का यह कदम करोड़ों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आएगा. ऑटो-सेटलमेंट लिमिट 5 लाख रुपये तक बढ़ाने से कर्मचारियों को आसानी से धन निकालने की सुविधा मिलेगी. इसे साथ ही, यूपीआई और एटीएम के जरिए पीएफ निकासी की सुविधा से यह प्रक्रिया और अधिक सरल और सुविधाजनक बन जाएगी.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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