EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने अपनी सेवा वितरण प्रक्रिया को बेहतर बनाने और भुगतान में सुगमता लाने के लिए 15 अतिरिक्त सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के साथ समझौते किए हैं. यह कार्यक्रम मंगलवार को नई दिल्ली में श्रम और रोजगार, युवा मामलों और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में आयोजित हुआ. इन 15 नए बैंकों के समावेश से लगभग 12,000 करोड़ रुपये की वार्षिक राशि का सीधे भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे उन नियोक्ताओं को भी सुविधा मिलेगी जिनके खातों का संचालन इन बैंकों में होता है.
इससे पहले, EPFO ने 17 बैंकों को सूचीबद्ध किया था, जिससे कुल बैंकों की संख्या अब 32 हो गई है. यह कदम नियोक्ताओं को EPFO अधिनियम के तहत अपनी मासिक योगदान राशि का भुगतान करने के लिए सीधी पहुंच प्रदान करेगा.
EPFO का राष्ट्र निर्माण में योगदान
अपने संबोधन में डॉ. मांडविया ने कहा कि EPFO जैसी संस्थाएं “नए भारत” की दिशा में देश की प्रगति को महत्वपूर्ण रूप से समर्थन प्रदान कर रही हैं. EPFO में लगभग 8 करोड़ सक्रिय सदस्य और 78 लाख से अधिक पेंशनधारी हैं, जिनको सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि EPFO ने हाल ही में EPFO 2.01 प्रणाली को लागू किया है, जिसने दावे निपटाने की प्रक्रिया को बहुत प्रभावी और तेज बना दिया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में EPFO ने 6 करोड़ से अधिक दावे निपटाए, जो पिछले वर्ष (2023-24) के 4.45 करोड़ दावों से 35 प्रतिशत अधिक हैं.
डॉ. मांडविया ने यह भी बताया कि EPFO की ग्राहक संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और संगठन अब EPFO 3.0 को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे यह और भी अधिक सुलभ और प्रभावी बनेगा.
नए पेंशन भुगतान प्रणाली और ऑटो क्लेम सेटेलमेंट प्रक्रिया
एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर केंद्रीयकृत पेंशन भुगतान प्रणाली का परिचय भी था, जिससे 78 लाख से अधिक पेंशनधारियों को किसी भी बैंक खाते में पेंशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी. पहले पेंशनधारियों को एक विशेष क्षेत्रीय बैंक में खाता रखना आवश्यक था, लेकिन अब यह अनिवार्यता हटा दी गई है.
इसके अतिरिक्त, EPFO ने ऑटो क्लेम सेटेलमेंट प्रक्रिया को लागू किया है, जिसके तहत दावे अब महज तीन दिन में निपटाए जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस प्रणाली के तहत 2.34 करोड़ दावे निपटाए गए, जो 2023-24 के 89.52 लाख दावों से 160 प्रतिशत अधिक हैं.
ब्याज दर में वृद्धि और बैंकों की भागीदारी
मंत्री ने यह भी खुशी जताई कि EPFO अपने लाभार्थियों को 8.25 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान कर रहा है. बैंकों की भागीदारी से EPFO की सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होगी और शासन में सुधार होगा.
नए बैंकों की सूची
नए बैंकों में HSBC बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, फेडरल बैंक, इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, आरबीएल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सिटी यूनियन बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, UCO बैंक, कर्नाटका बैंक, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर, तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक और बंधन बैंक शामिल हैं.
इस पहल से EPFO की सेवा वितरण में और भी अधिक सुधार होगा और यह लाखों भारतीयों को बेहतर और तेज़ सेवाएं प्रदान करेगा.
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