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हताशा : इस साल भी निजी क्षेत्र की कंपनियों में कम ही होगा इन्क्रीमेंट, पढें रिपोर्ट

महामारी में निजी क्षेत्र के वर्कर्स के वेतन में भी कम से कम 5,000 रुपये तक की कटौती इस मद में की गई थी कि अभी महामारी है, तो पीएम फंड में पैसा जमा करना है, जिसे लौटा दिया जाएगा. लेकिन, करीब 6 महीने से अधिक समय तक कटौती करने के बाद जब निजी क्षेत्र की कंपनियां लाभ में आईं, तो वह पैसा लौटाया नहीं गया.

मुंबई : अगर आप नौकरी-पेशा हैं और खासकर निजी क्षेत्र की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी हैं, तो आप सैलरी इन्क्रीमेंट को लेकर ज्यादा उत्साहित मत हों. इसका असली कारण यह है कि आपके वेतन में पिछले साल 2022 की तरह इस साल 2023 में बहुत अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है. इसका कारण यह है कि 2022 में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में कम से कम 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. लेकिन, इस साल तो केवल 10.2 फीसदी की बढ़ोतरी की ही उम्मीद है. यानी कि पिछले साल के मुकाबले इस साल वेतन वृद्धि में 0.2 फीसदी की गिरावट होगी? इसका मतलब साफ है कि निजी क्षेत्र के नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों को लेकर किसी प्रकार की चिंता नहीं है.

महामारी के बाद महंगाई में 200 फीसदी तक वृद्धि

आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती के साथ ही निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में भी कम से कम 5,000 रुपये तक की कटौती इस मद में की गई थी कि अभी महामारी का टाइम है, तो प्रधानमंत्री कोष में पैसा जमा करना है, जिसे लौटा दिया जाएगा. लेकिन, करीब 6 महीने से अधिक समय तक कटौती करने के बावजूद जब निजी क्षेत्र की कंपनियां लाभ में आईं, तो वह राशि लौटाने की बजाय उल्टा वेतन बढ़ोतरी में ही कटौती करना शुरू कर दीं. स्थिति यह है कि महामारी के पहले से लेकर आवश्यक वस्तुओं की कीमत में कम से कम 200 फीसदी से अधिक तक बढ़ोतरी हो गई है, लेकिन निजी क्षेत्र की कंपनियां अपने कर्मचारियों के वेतन में सालाना 20 फीसदी तक बढ़ोतरी करने तक के लिए राजी नहीं हैं.

आईटी सेक्टर में सबसे अधिक वृद्धि

समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन में 2023 में औसतन 10.2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. सर्वाधिक वृद्धि ई-कॉमर्स, प्रोफेशनल सर्विस और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर (आईटी सेक्टर) में देखने को मिल सकती है. प्रोफेशनल सर्विस देने वाली ईवाई की रिपोर्ट ‘फ्यूचर ऑफ पे’ 2023 में कहा गया है कि देश में 2023 में वेतन में औसतन 10.2 फीसदी की वृद्धि हो सकती है. यह 2022 में औसतन 10.4 फीसदी की तुलना में कम है. फिर भी इसके बावजूद दहाई अंक में है. इसमें कहा गया है कि इस साल वेतन में अनुमानित वृद्धि सभी क्षेत्रों में देखने को मिलेगी, जो 2022 की तुलना में मामूली कम होगी.

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कारखाना मजदूरों को सबसे कम वृद्धि

हालांकि, कल-कारखानों में काम करने वाले कामगारों के मामले में इस साल वेतन में 2022 की तुलना में कम वृद्धि की संभावना है. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा जिन क्षेत्रों में वेतन में वृद्धि की उम्मीद है, वे सभी आईटी क्षेत्र से जुड़े हैं. इसमें कहा गया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में सबसे ज्यादा 12.5 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद है. उसके बाद प्रोफेशन सर्विस में 11.9 फीसदी तथा आईटी क्षेत्र में 10.8 फीसदी वृद्धि की संभावना है. यह रिपोर्ट ईवाई के सर्वे पर आधारित है. यह सर्वे दिसंबर, 2022 से फरवरी, 2023 के बीच किया गया.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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