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Gensol Engineering के सीएफओ ने क्यों दिया इस्तीफा दिया? कारण जानकर भावुक हो जाएंगे आप

Gensol Engineering: जेनसोल इंजीनियरिंग के सीएफओ जाबिरमेहंदी मोहम्मदराजा आगा ने नियामकीय जांच और कंपनी पर बढ़ते दबाव के चलते तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही प्रमोटर अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी भी सेबी की कार्रवाई के बाद पद छोड़ चुके हैं. IREDA ने कंपनी पर 510 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट को लेकर दिवाला याचिका दायर की है, जिससे संकट और गहरा गया है.

Gensol Engineesring: जेनसोल इंजीनियरिंग के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) जाबिरमेहंदी मोहम्मदराजा आगा ने तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका यह इस्तीफा ऐसे समय में दी है, जब नियामकीय जांच झेल रही कंपनी के कई टॉप लेवल के अधिकारी और प्रमोटर्स ने एक के बाद एक करके इस्तीफा दे दिया है. खबर है कि कुछ दिनों पहले ही इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) ने जेनसोल इंजीनियरिंग के खिलाफ करीब 510 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट मामले में दिवाला याचिका दायर की है. जाबिर मेहंदी मोहम्मदराजा आगा के इस्तीफे की जानकारी कंपनी ने शेयर बाजारों को दी है.

जांच की जद में जेनसोल इंजीनियरिंग

कंपनी की ओर से शेयर बाजारों को दी गई जानकारी के मुताबिक, इस्तीफे में आगा ने कहा कि जेनसोल इंजीनियरिंग इस समय कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है, कई नियामक निकाय जांच कर रहे हैं और टॉप मैनेजमेंट के लोग अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में अत्यधिक दबाव के कारण उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और वह अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने कहा, ”इन कठिन परिस्थितियों में उनका इस्तीफा कंपनी के सर्वोत्तम हित में है.”

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इन प्रमोटर्स ने भी दिया इस्तीफा

जेनसोल इंजीनियरिंग से इस्तीफा देने वालों में कंपनी के प्रवर्तक अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी ने बाजार नियामक सेबी के अंतरिम आदेश के बाद इस्तीफा दे दिया था. अनमोल सिंह जग्गी कंपनी के प्रबंध निदेशक और पुनीत सिंह जग्गी पूर्णकालिक निदेशक हैं. सेबी ने जेनसोल और जग्गी बंधुओं पर अगले नोटिस तक सिक्योरिटी मार्केट में एंट्री पर रोक लगा दी है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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