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GST Collection: साल 2024 ने जाते-जाते भर दिया सरकार का खजाना, दिसंबर में जीएसटी संग्रह 1.77 लाख करोड़ रुपये

GST Collection: दिसंबर 2024 में 1.77 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और कर प्रणाली की सफलता को दर्शाता है. 2025 में यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है, जो देश की आर्थिक वृद्धि को और गति देगी.

GST Collection: साल 2024 जाते-जाते सरकार के खजाने को भर दिया. दिसंबर 2024 में जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) संग्रह 7.3 प्रतिशत बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये हो गया. बुधवार 1 जनवरी 2025 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी संग्रह 32,836 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 40,499 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 47,783 करोड़ रुपये और उपकर 11,471 करोड़ रुपये रहा.

दिसंबर में जीएसटी राजस्व 7.3% बढ़ा

दिसंबर 2024 में कुल सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 7.3% बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले इसी महीने में यह 1.65 लाख करोड़ रुपये था. दिसंबर महीने में घरेलू लेन-देन से जीएसटी 8.4% बढ़कर 1.32 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि आयात पर कर से प्राप्त राजस्व करीब 4% बढ़कर 44,268 करोड़ रुपये रहा.

नवंबर में 8.5% बढ़ा था जीएसटी संग्रह

जीएसटी संग्रह नवंबर महीने में सालाना आधार पर 8.5% बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा था. अब तक का सर्वाधिक जीएसटी संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा था. इस महीने के दौरान 22,490 करोड़ रुपये वापस किये गये. यह पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 318.5% अधिक है. वापस की गई राशि के समायोजन के बाद शुद्ध रूप से जीएसटी संग्रह 3.38.5% बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा.

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दिसंबर में क्यों बढ़ा जीएसटी संग्रह

  • मजबूत आर्थिक गतिविधियां: त्योहारों के बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत खपत और उत्पादन ने जीएसटी संग्रह में वृद्धि को प्रोत्साहित किया.
  • कर चोरी पर रोक: सरकार की ओर कर चोरी रोकने के लिए लागू की गई सख्त नीतियों और ई-इनवॉइसिंग प्रणाली ने राजस्व संग्रह में सुधार किया.
  • उद्योगों का योगदान: विनिर्माण, सेवा, रियल एस्टेट, और ई-कॉमर्स क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन ने भी जीएसटी संग्रह को बढ़ाने में मदद की.

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राज्यों का कैसा रहा प्रदर्शन

विभिन्न राज्यों में जीएसटी संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और तमिलनाडु जैसे औद्योगिक राज्यों ने अधिक योगदान दिया. वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी वृद्धि दर्ज की गई.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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