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सात साल के जीएसटी ने कर दिया कमाल, 95.58 लाख करोड़ रुपये से खजाना मालामाल

GST Day: जीएसटी की सफलता दो चीज जीएसटीएन का मजबूत कामकाज और जीएसटी परिषद पर टिकी है. जीएसटीएन ने न केवल रजिस्ट्रेशन, कर भुगतान, अनुपालन को सुव्यवस्थित किया है, बल्कि कार्यकारी को डेटा प्रदान करके कर-चोरी रोकने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है.

GST Day: वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) आज सात साल का हो गया. 1 जुलाई 2017 को ही जीएसटी पूरे देश में लागू किया गया था. संसद की ओर से कराधान के लिए लागू किए गए नए कानून के जरिए भारत में नया कर सुधार किया गया. 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया जीएसटी 360 डिग्री कर सुधार था, जिसने भारत के कराधान व्यवस्था को ही पूरी तरह से बदल कर रख दिया. जीएसटी को कई करों को मिलाकर बनाया गया है. सबसे खास बात यह है कि जीएसटी के लागू होने से कर व्यवस्था में पारदर्शिता आने के साथ ही तकनीकी युग की शुरुआत की गई. यह इसी का नतीजा है कि पिछले सात सालों के दौरान जीएसटी के जरिए वित्त वर्ष 2017-18 से 2023-24 के बीच करीब 95.58 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की गई.

GST परिषद भूमिका

जीएसटी कर व्यवस्था का संचालन करने और टैक्स स्लैब का निर्धारण करने के लिए सरकार ने जीएसटी परिषद का गठन किया है. इस जीएसटी परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री को अध्यक्ष और राज्यों के वित्त मंत्रियों को सदस्य के तौर पर नियुक्त किया जाता है. जीएसटी परिषद संघीय अर्थव्यवस्था में केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करता है. जीएसटी परिषद करों से संबंधित सभी मामलों पर कठिन निर्णय सर्वसम्मति से लेने के लिए सामंजस्यपूर्ण विचार-विमर्श के माध्यम से सहकारी संघवाद के सिद्धांतों पर काम कर रहा है.

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GSTN के जरिए राजस्व वसूली हुआ आसान

केंद्रीय बिक्री कर, राज्य बिक्री कर, वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) और चुंगी कर व्यवस्था समेत कई प्रकार के करों को मिलाकर बनाए गए जीएसटी के तहत राजस्व की वसूली करना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती थी. इसके लिए उसने जीएसटीएन यानी जीएसटी नेटवर्क तैयार किया, जिसके जरिए राजस्व की वसूली करना आसान हुआ. जीएसटी की सफलता दो चीज जीएसटीएन का मजबूत कामकाज और जीएसटी परिषद पर टिकी है. जीएसटीएन ने न केवल रजिस्ट्रेशन, कर भुगतान, अनुपालन को सुव्यवस्थित किया है, बल्कि कार्यकारी को डेटा प्रदान करके कर-चोरी रोकने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. वहीं, जीएसटी परिषद की ओर से गठित तकनीकी समितियां (कानून समिति और फिटमेंट समिति) और मंत्रियों के विभिन्न समूह (जीओएम) उद्योग के अनुरोधों की जांच करके संशोधन और स्पष्टीकरण के माध्यम से आवश्यक समाधान प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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सात साल में GST से आए 95.58 लाख करोड़ रुपये

  • वित्त वर्ष 2017-18 में जीएसटी कलेक्शन: 7.19 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2018-19 में जीएसटी कलेक्शन: 11.77 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2019-20 में जीएसटी कलेक्शन: 12.22 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन: 11.36 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी कलेक्शन: 14.76 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी कलेक्शन: 18.10 लाख करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी कलेक्शन: 20.18 लाख करोड़ रुपये

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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