22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आधा भारत नहीं जानता एसआईपी का 21X10X12 फॉर्मूला, हर बच्चा बन जाएगा करोड़पति

SIP: एसआईपी के 21X10X12 फॉर्मूला कोई टेढ़ी खीर नहीं है. इसे आप आसानी से समझ सकते हैं. मान लें आप अपने बच्चे को करोड़पति बनाना चाहते हैं, तो आपको उसके नाम पर करीब 21 साल तक एसआईपी के जरिए नियमित तौर पर निवेश करना होगा.

SIP: हर कोई अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई का अधिकांश हिस्सा परिवार पर खर्च कर देता है. इसका एकमात्र उद्देश्य बच्चों की आमदनी दुरुस्त करना है. लेकिन, आधे भारत के लोग अब भी बचत के लिए एसआईपी को नहीं जानते हैं और सबसे बड़ी बात यह कि वे एसआईपी के 21X10X12 फॉर्मूले को नहीं जानते हैं. अगर वे इस फॉर्मूले को जान जाएंगे, तो हर बच्चा आने वाले दिनों में करोड़पति नजर आएगा. आइए, जानते हैं कि एसआई का 21X10X12 फॉर्मूला क्या है और इससे कोई भी बालक करोड़पति कैसे बन सकता है.

एसआईपी क्या है?

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान को संक्षेप में एसआईपी कहते हैं. एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सशक्त साधन है. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर असेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) निवेशकों के पैसों को शेयर बाजार में निवेश करते हैं, जिससे उन्हें फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और सेविंग्स स्कीम से कहीं अधिक बंपर रिटर्न मिलता है. एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निवेशकों को कंपाउंडिंग के साथ रिटर्न मिलता है.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुल फंड एक निवेश योजना है, जिसमें कई निवेशक अपना पैसा जमा करके स्टॉक, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. इन फंडों का संचालन पेशेवर असेट मैनजर करते हैं, जिन्हें पोर्टफोलियो मैनेजर भी कहा जाता है. म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने से पहले कुछ जरूरी बातों की जानकारी होना बेहद जरूरी है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए कई लोग अपने पैसे को एक साथ जमा करते हैं. इन फंडों में निवेश करने वाले सभी लोगों का पैसा एक साथ इकट्ठा करके विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है. इन फंडों में होने वाले लाभ को सभी निवेशकों के बीच उनके योगदान के हिसाब से बांटा जाता है. म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने के लिए आपको फंड में किए गए सभी निवेशों और उनसे होने वाली आय की जानकारी मिलती है. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपको कुछ फीस भी देनी पड़ सकती है.

क्या है एसआईपी का 21X10X12 फॉर्मूला

एसआईपी के 21X10X12 फॉर्मूला कोई टेढ़ी खीर नहीं है. इसे आप आसानी से समझ सकते हैं. मान लें आप अपने बच्चे को करोड़पति बनाना चाहते हैं, तो आपको उसके नाम पर करीब 21 साल तक एसआईपी के जरिए नियमित तौर पर हर महीने करीब 10,000 रुपये जमा करने होंगे. आपके इस पैसे पर सालाना करीब 12% ब्याज मिलता है. सालाना मिलने वाला ब्याज प्रत्येक साल चक्रवृद्धि के तौर पर जुड़ता चला जाता है. तब 21 साल में आपके बच्चे के नाम पर 1 करोड़ रुपये अधिक का फंड जमा हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें: धनतेरस से पहले सोना फिर हुआ महंगा, चेक करें अपने शहर का दाम

एसआईपी से 21 में ऐसे बनेगा 1 करोड़

अब मान लीजिए कि अगर आप अपने बच्चे के नाम पर हर महीने 10,000 रुपये एसआईपी के जरिए जमा कर देते हैं और लगातार 21 साल तक जमा करते हैं. इन 21 सालों में आपका निवेश की कुल रकम 25.20 लाख रुपये हो जाएगी. निवेश की इस रकम पर सालाना 12% की दर से ब्याज की कुल रकम 88,66,742 रुपये हो जाएगी. अब आप निवेश की कुल रकम 25.20 रुपये और ब्याज की कुल रकम 88,66,742 रुपये को जोड़ देंगे, तो आपके बच्चे के फंड में करीब 1,13,86,742 रुपये जमा हो जाएंगे.

इसे भी पढ़ें: नोएल टाटा ही नहीं, अपने बेटे को भी अपना उत्तराधिकार नहीं बनाते रतन टाटा, जानें क्यों

एसआईपी कैलकुलेशन के लिए यहां क्लिक करें.

डिस्क्लेमर: प्रभात खबर अपने किसी भी पाठक को एसआईपी या म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह नहीं देता. यह बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेश करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह ले लें, तभी कोई उचित कदम उठाएं.

इसे भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड में धकाधक पैसा जमा कर रहे झारखंड के लोग, बिहार को छोड़ दिया पीछे

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel