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आधा भारत नहीं जानता एसआईपी का 20x22x30 फॉर्मूला, जान जाएगा तो बन जाएगा 2 करोड़ का मालिक

SIP: एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के 20x22x30 फॉर्मूले से आप 2 करोड़ रुपये तक का फंड बना सकते हैं. एसआईपी के जरिए 2 करोड़ की कमाई करने से पहले आपको यह जानना होगा कि SIP क्या है, कैसे काम करता है, इसके फायदे क्या हैं और म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों जरूरी है, क्योंकि आधा भारत इन सबके बारे में नहीं जानता है. अगर आप इसे जान जाएंगे, तो आप भी 2 करोड़ रुपये से अधिक का मालिक बन सकते हैं.

SIP: पैसा आज की डेट में हर आदमी की जरूरत बन गया है. बिना पैसे के परिवार का भरण-पोषण कर पाना मुश्किल है. अगर आपके पास पैसे हैं, तो समाज में आपको बड़े मान-सम्मान के साथ देखा जाता है और पैसा नहीं होता है, तो आप दीन-हीन समझे जाते हैं. लेकिन, सवाल यह पैदा होता है कि यह पैसा आएगा कहां से? क्या नौकरी करके आप खुद और अपने परिवार के लिए पैसा जमा कर पाएंगे? इसका सीधा जवाब है कि नहीं. क्यों? तो इसका जवाब यह है कि आप नौकरी करके बचत योजनाओं में पैसा जमा करके लखपति या करोड़पति नहीं बन सकते. बचत योजनाओं (Saving Schemes) पर उतना ब्याज नहीं मिलता.

इसके लिए जरूरी यह है कि आपको एसआईपी (SIP) यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करना होगा. खास, यह कि अगर आप एसआईपी के 20x22x30 फॉर्मूले के तहत निवेश करते हैं, तो आप निश्चित तौर पर 2 करोड़ रुपये से अधिक का मालिक बन सकते हैं. आइए, जानते हैं कि इस फॉर्मूला के जरिए 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होगी?

एसआईपी क्या है?

एसआईपी (Systematic Investment Plan) एक ऐसी निवेश पद्धति है, जिसके तहत आप म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि निवेश करते हैं. इसे हिंदी में “नियमित निवेश योजना” कहा जाता है. एसआईपी के जरिए निवेशक हर महीने, तिमाही या किसी तय अवधि में एक निश्चित रकम निवेश करते हैं, जिससे लॉन्ग टर्म में एक बड़ा फंड तैयार किया जा सकता है.

एसआईपी के मुख्य फायदे

  • छोटी राशि से शुरुआत: एसआईपी के जरिए आप 500 रुपये जैसी छोटी रकम से भी निवेश शुरू कर सकते हैं.
  • रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging): जब बाजार ऊपर होता है, तो आपको कम यूनिट मिलती हैं और जब नीचे होता है तो ज्यादा, जिससे औसत लागत कम होती है.
  • चक्रवृद्धि लाभ (Compounding Benefit): लंबे समय तक निवेश करने से ब्याज पर ब्याज (compound interest) का लाभ मिलता है.
  • नियमित निवेश की आदत: यह अनुशासित निवेश की आदत डालता है और वित्तीय लक्ष्य तय करने में मदद करता है.
  • लचीलापन: आप कभी भी एसआईपी शुरू या बंद कर सकते हैं. इसमें लॉक-इन अवधि (Lock-in Period) आमतौर पर नहीं होती, सिवाय टैक्स सेविंग फंड्स जैसे ELSS के.

एसआईपी ऐसे करता है काम

मान लीजिए आप हर महीने 1,000 रुपये का एसआईपी शुरू करते हैं. म्यूचुअल फंड यूनिट की कीमत (NAV) के आधार पर आपको हर बार अलग-अलग यूनिट मिलेंगी. समय के साथ जैसे-जैसे आपका निवेश बढ़ता है और बाजार का प्रदर्शन अच्छा होता है, वैसे-वैसे आपकी पूंजी भी बढ़ती जाती है.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा निवेश माध्यम है, जिसमें कई निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके उस राशि को विभिन्न प्रकार की संपत्तियों जैसे शेयर, बॉन्ड, सरकारी प्रतिभूतियों (securities) आदि में निवेश किया जाता है. इस फंड को एक पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित किया जाता है.

म्यूचुअल फंड कैसे करता है काम

  • पैसा इकट्ठा किया जाता है: बहुत सारे निवेशकों से छोटी-छोटी राशियां ली जाती हैं.
  • फंड मैनेजर निवेश करता है: यह पैसा एकसाथ मिलाकर प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा विभिन्न शेयरों, बॉन्ड्स या अन्य वित्तीय साधनों में लगाया जाता है.
  • लाभ-हानि का बंटवारा: निवेश से जो भी लाभ (या नुकसान) होता है, वह फंड में निवेश करने वाले सभी निवेशकों के बीच उनके निवेश अनुपात में बांटा जाता है.

म्यूचुअल फंड के प्रकार

  • इक्विटी फंड (Equity Funds): इक्विटी फंड के जरिए निवेशक शेयर बाजार में निवेश करते हैं. इसमें जोखिम थोड़ा ज्यादा होता है, लेकिन रिटर्न भी अधिक हो सकता है.
  • डेट फंड (Debt Funds): डेट फंड को सरकारी बॉन्ड या फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, कम जोखिम और स्थिर रिटर्न.
  • हाइब्रिड फंड (Hybrid Funds): हाइब्रिड फंड इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होता है, संतुलित जोखिम और रिटर्न.
  • ELSS (Tax Saving Funds): टैक्स छूट के लिए होते हैं. इन पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.

म्यूचुअल फंड के फायदे

  • पेशेवर प्रबंधन: विशेषज्ञों द्वारा पैसा निवेश किया जाता है.
  • विविधीकरण (Diversification): एक ही फंड में कई कंपनियों में निवेश होता है, जिससे जोखिम कम होता है.
  • पारदर्शिता: बाजार विनियामक SEBI द्वारा विनियमित होते हैं और निवेशक को नियमित रिपोर्ट मिलती है.
  • लिक्विडिटी: जरूरत पड़ने पर आप अपने यूनिट्स को आसानी से बेच सकते हैं.

क्या है एसआईपी का 20x22x30 का फॉर्मूला

एसआईपी का फॉर्मूला को आप ऐसे समझ सकते हैं. मान लीजिए, आप 30 साल की उम्र में जॉब पाते हैं और आपकी सैलरी 50,000 रुपये से अधिक है, तब आपको हर महीने करीब 22,000 रुपये एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा. इस निवेश पर आपको सालाना कम से कम 12% और अधिक से अधिक 15% रिटर्न मिलेगा. जब आप लगातार 20 साल तक हर महीने 20,000 रुपये निवेश करते हैं, तो आपके पास मोटा फंड बन जाएगा.

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एसआईपी के 20x22x30 फॉर्मूले से कैसे होगी 2 करोड़ की कमाई

मान लीजिए कि जब आप 30 साल की उम्र में नौकरी पाने के साथ ही हर महीने एसआईपी के जरिए लगातार 22,000 रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो अगले 20 साल में आपकी कुल निवेश की रकम करीब 52.80 लाख रुपये हो जाएगी. इस जमाराशि पर अगर आपको सालाना 12% की दर से ब्याज मिलता है, तो आपको रिटर्न के तौर पर करीब 1,49,56,862 रुपये मिलेंगे. अब आप निवेश की करम और रिटर्न के तौर पर मिली रकम को जोड़ेंगे, तो आपके पास करीब 2.02 करोड़ से अधिक राशि का बड़ा फंड खड़ा हो जाएगा.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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