HDFC Bank: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO शशिधर जगदीशन इन दिनों विवादों में घिर गए हैं. मुंबई स्थित प्रतिष्ठित लीलावती अस्पताल ट्रस्ट ने उनके खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. मामला न केवल आर्थिक अनियमितताओं से जुड़ा है, बल्कि इसमें पर्सनल दुश्मनी, पारिवारिक झगड़े और लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई भी शामिल है.
मामला क्या है?
लीलावती किर्तीलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने 30 मई 2025 को मुंबई की मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर शशिधर जगदीशन और सात अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई. आरोप है कि जगदीशन ने ट्रस्ट के एक पूर्व मेंबर से ₹2.05 करोड़ रुपए लिए, जिसका मकसद ट्रस्ट के मौजूदा सदस्य के पिता को मानसिक रूप से परेशान करना था.
FIR के मुताबिक, ट्रस्ट के पास एक डायरी है जिसमें ₹14.42 करोड़ की कथित गड़बड़ी दर्ज है, जिसमें से ₹2.05 करोड़ की रकम सीधे जगदीशन तक पहुंची. यह रकम ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी चेतन मेहता द्वारा दी गई थी ताकि वर्तमान ट्रस्टी प्रशांत मेहता के पिता को टारगेट किया जा सके.
कोर्ट में क्या हुआ?
बॉम्बे हाई कोर्ट के तीन जज इस केस की सुनवाई से अलग हो गए, जिससे मामला फंस गया.
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 8 जुलाई को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है.
शशिधर जगदीशन की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और FIR को खारिज करने की मांग की.
HDFC बैंक का जवाब
HDFC बैंक ने इन आरोपों को “झूठा और दुर्भावनापूर्ण” बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है. बैंक का कहना है कि यह बदले की भावना से की गई शिकायत है, जिसका मकसद बैंक और उसके CEO की छवि को नुकसान पहुंचाना है.
HDFC का दावा
मेहता परिवार ने 1995 में स्प्लेंडर जेम्स नामक कंपनी के लिए ₹65.22 करोड़ का लोन लिया था, जिसे अब तक नहीं चुकाया गया.
2004 में DRT (डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल) ने रिकवरी के लिए सर्टिफिकेट भी जारी किया था.
इसके बाद मेहता परिवार ने बैंक और अधिकारियों पर बार-बार फर्जी केस दर्ज कराए, जो सुप्रीम कोर्ट तक में खारिज हो चुके हैं.
अब यह FIR भी उसी दबाव रणनीति का हिस्सा है.
बैंक ने कहा “हमारे MD और CEO शशिधर जगदीशन को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. हम कानून के मुताबिक जवाब देंगे और अपने CEO की प्रतिष्ठा की रक्षा करेंगे.”
कौन हैं शशिधर जगदीशन?
- 1996 से HDFC बैंक से जुड़े हुए हैं.
- बैंक के पूर्व CFO रह चुके हैं.
- 2020 में बने CEO और MD.
- RBI ने 2023 में उनका कार्यकाल 2026 तक बढ़ाया.
- FY 2022-23 में उनकी सैलरी ₹10.5 करोड़ थी.
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