Russia Oil Sanctions: भारत ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका रूस से कच्चे तेल आयात पर कोई प्रतिबंध लगाता है, तो उससे भारत को कोई विशेष चिंता नहीं है. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत अपने तेल आयात की जरूरतों को पूरा करने के लिए वैकल्पिक स्रोतों की तलाश और उपयोग पहले से ही कर रहा है.
40 देशों से हो रही है कच्चे तेल की खरीद
हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी कि भारत पहले केवल 27 देशों से कच्चा तेल आयात करता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर लगभग 40 देशों तक पहुंच गई है. यह तेल आपूर्ति की विविधता भारत की रणनीतिक योजना का हिस्सा है, ताकि किसी एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भरता न रहे.
रूस बना सबसे बड़ा सप्लायर, लेकिन विकल्प तैयार
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस भारत के लिए कच्चे तेल का एक बड़ा स्रोत बन गया है. वर्तमान में भारत के कुल कच्चे तेल आयात का लगभग 40% रूस से आता है. लेकिन यदि भविष्य में आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत ब्राजील, कनाडा और गुयाना जैसे देशों से भी तेल खरीद को बढ़ा सकता है.
ट्रंप की चेतावनी और भारत की तैयारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में चेतावनी दी है कि यदि रूस 50 दिन के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर नहीं पहुंचता है, तो रूस से तेल आयात करने वाले देशों पर प्रतिबंध या उच्च शुल्क लगाए जा सकते हैं. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुरी ने कहा कि भारत इससे प्रभावित नहीं होगा और आवश्यकतानुसार स्थिति से निपटने में सक्षम है.
घरेलू उत्पादन को भी मिलेगा बढ़ावा
हरदीप सिंह पुरी ने यह भी कहा कि भारत घरेलू स्तर पर तेल उत्पादन और खोज को भी तेज़ी से बढ़ा रहा है, ताकि आयात पर निर्भरता को धीरे-धीरे कम किया जा सके. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ए एस साहनी ने कहा कि यदि रूस से आपूर्ति बाधित होती है, तो भारत पूर्व-युद्ध आपूर्ति व्यवस्था की ओर लौट सकता है, जब रूस से आयात सिर्फ 2% से भी कम था.
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भारत आत्मनिर्भरता की राह पर
भारत ने वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने ऊर्जा सुरक्षा हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है. अमेरिकी प्रतिबंधों की स्थिति में भी भारत के पास पर्याप्त वैकल्पिक आपूर्ति व्यवस्था है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतों पर असर नहीं पड़ेगा.
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