India Trinidad Trade: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद एवं टोबैगो यात्रा ने भारत और इस कैरेबियाई देश के बीच आर्थिक सहयोग की संभावनाओं को नई दिशा दी है. दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्ते धीरे-धीरे मजबूत हो रहे हैं, लेकिन इस यात्रा से इन संबंधों को और गति मिलने की उम्मीद है. आइए, जानते हैं कि भारत त्रिनिदाद को क्या बेचता और उससे क्या खरीदता है. इस साझेदारी में कितनी संभावनाएं छुपी हैं.
भारत क्या बेचता है त्रिनिदाद को?
त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में स्थित भारतीय उच्चायोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत त्रिनिदाद और टोबैगो को कई प्रकार के औद्योगिक और उपभोक्ता उत्पाद निर्यात करता है, जिनकी मांग वहां लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2023-24 में भारत की ओर से निर्यात किए गए प्रमुख उत्पादों में प्रमुख उत्पाद कुछ इस प्रकार हैं.
- वाहन और उनके कलपुर्जे (19.42 मिलियन डॉलर): इसमें मोटर कार, ट्रक और अन्य वाहन शामिल हैं.
- फार्मास्यूटिकल्स (14.0 मिलियन डॉलर): भारत निर्मित दवाइयां और जैविक उत्पाद त्रिनिदाद में खासा लोकप्रिय हैं.
- लोहा और इस्पात उत्पाद (10.0 मिलियन डॉलर): फ्लैट रोल्ड स्टील और अन्य तैयार धातु उत्पाद.
- प्लास्टिक उत्पाद: पाइप, प्लेट, शीट्स और पैकेजिंग सामग्री.
- मसाले (0.586 मिलियन डॉलर): विशेष रूप से हल्दी, धनिया और मिर्च जैसे भारतीय मसाले.
कुल मिलाकर भारत ने 2023-24 में त्रिनिदाद एवं टोबैगो को करीब 109.06 मिलियन डॉलर मूल्य के सामान का निर्यात किया. पिछले पांच वर्षों में यह निर्यात 1.56% की वार्षिक दर से बढ़ा है.
त्रिनिदाद से क्या खरीदता है भारत
त्रिनिदाद एवं टोबैगो की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और गैस जैसे खनिज संसाधनों पर आधारित है. भारत इनसे ऊर्जा संबंधित उत्पादों का बड़ा आयातक है.
- खनिज ईंधन और पेट्रोलियम गैस (239.91 मिलियन डॉलर): इसमें मुख्य रूप से एलपीजी और रिफाइन्ड तेल आते हैं.
- लोहा और स्टील स्क्रैप (10.5 मिलियन डॉलर)
- एल्यूमिनियम स्क्रैप (0.817 मिलियन डॉलर)
- कागज और पेपरबोर्ड (0.77 मिलियन डॉलर)
भारत ने 2023-24 में त्रिनिदाद एवं टोबैगो से कुल 259.90 मिलियन डॉलर का आयात किया, जो पिछले पांच वर्षों में 7.66% की वार्षिक वृद्धि दर दिखाता है.
व्यापार संतुलन और आंकड़ों की हकीकत
त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में स्थित भारतीय उच्चायोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 में भारत को त्रिनिदाद एवं टोबैगो के साथ 150.84 मिलियन डॉलर का व्यापार घाटा हुआ, क्योंकि आयात निर्यात से कहीं अधिक था. हालांकि, 2019-20 से 2023-24 के बीच द्विपक्षीय व्यापार में 117% की तेज वृद्धि दर्ज की गई, जो 169 मिलियन डॉलर से बढ़कर 368 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
क्या हैं भविष्य की संभावनाएं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद कई ऐसे क्षेत्र चिह्नित किए जा रहे हैं, जिनमें व्यापार को आगे बढ़ाया जा सकता है.
- आयुर्वेद और प्राकृतिक स्वास्थ्य उत्पादों का निर्यात
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी में सहयोग
- फार्मास्यूटिकल्स में विनिर्माण और शोध
- रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, और प्लास्टिक उत्पादों में नए अवसर
भारत त्रिनिदाद के स्किल डेवलपमेंट, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और स्टार्टअप क्षेत्र में भी निवेश कर सकता है.
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क्या हैं चुनौतियां
हालांकि, अवसर बहुत हैं, लेकिन जटिल सीमा शुल्क नियम और फार्मास्यूटिकल्स के लिए सख्त मंजूरी प्रक्रिया भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौती बन सकते हैं. इसके बावजूद 1997 का व्यापार समझौता और एमएफएन (मॉस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा व्यापार को सुगम बनाता है.
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