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इन्फोसिस ने 300 से अधिक फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला, इसमें कहीं आपका लाडला तो नहीं?

Infosys Layoff: इन्फोसिस ने 300 से अधिक फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है. आईटी सेक्टर में फ्रेशर्स की छंटनी क्यों हो रही है? जानिए पूरा मामला और एक्सपर्ट्स की राय

Infosys Layoff: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इन्फोसिस (Infosys) ने 300 से अधिक फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है. ये सभी कर्मचारी कंपनी के मैसुरु कैंपस में प्रशिक्षण ले रहे थे, लेकिन तीन बार आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में फेल होने के बाद इन्हें कंपनी से बाहर कर दिया गया. इस कदम के बाद आईटी कर्मचारी यूनियन NITES ने विरोध जताते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी है. यूनियन का दावा है कि प्रभावित कर्मचारियों की संख्या 300 से भी अधिक हो सकती है.

क्यों निकाले गए फ्रेशर्स?

इन्फोसिस की तरफ से इस मुद्दे पर बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि तीन बार मूल्यांकन में फेल हुए कर्मचारी कंपनी में नहीं रह सकते. यह नीति पिछले 20 वर्षों से लागू है और इससे उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा सुनिश्चित होती है. भर्ती अनुबंध में पहले से ही यह शर्त शामिल थी. इसका मतलब यह कि इन्फोसिस में नए कर्मचारियों को नौकरी बनाए रखने के लिए अनिवार्य रूप से ट्रेनिंग पास करनी होती है.

NITES यूनियन का दावा

आईटी कर्मचारी यूनियन NITES (Nascent Information Technology Employees Senate) ने इन्फोसिस के इस फैसले पर नाराजगी जताई है. यूनियन के अनुसार, कर्मचारियों को शामिल होने के लिए पहले ही 2 साल इंतजार करना पड़ा था. अक्टूबर 2024 में जॉइन करने के बाद महज कुछ महीनों में ही उन्हें निकाल दिया गया. यूनियन का आरोप है कि बैठक कक्ष में बुलाकर जबरदस्ती “आपसी अलगाव” पत्र (Mutual Separation Letter) पर साइन कराए गए. NITES अब श्रम मंत्रालय से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

फ्रेशर्स के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?

  • बेरोजगारी का खतरा: आईटी सेक्टर में नए कर्मचारियों की छंटनी से भविष्य में और भी ज्यादा नौकरियों पर खतरा बढ़ सकता है.
  • अनिश्चितता: 2 साल तक ऑफर लेटर का इंतजार करने वाले उम्मीदवार महज कुछ महीनों में ही नौकरी गंवा बैठे.
  • आईटी कंपनियों की नीतियों पर सवाल: क्या कंपनियां नए कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दे रही हैं या नहीं?

आईटी सेक्टर में करियर बनाने के लिए ये स्किल्स जरूरी

  • क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing)
  • साइबर सिक्योरिटी (Cybersecurity)
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML)
  • प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेस (Python, Java, C++)

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इन्फोसिस की छंटनी एक्सपर्ट की राय

आईटी सेक्टर के जानकारों का मानना है कि इन्फोसिस की सख्त ट्रेनिंग नीति कंपनी के क्लाइंट्स को बेहतरीन टैलेंट देने के लिए जरूरी हो सकती है. लेकिन, 2 साल तक ऑफर लेटर का इंतजार करने के बाद कर्मचारियों को अचानक निकालना सही नहीं है. कंपनियों को ट्रेनिंग सिस्टम सुधारने और कर्मचारियों को अधिक मौके देने की जरूरत है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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