24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

GST: इन्फोसिस को 32,403 करोड़ रुपये का जीएसटी नोटिस, आईटी कंपनी ने दिया जवाब

GST: जीएसटी अधिकारियों की ओर से भेजे गए दस्तावेज में कहा गया है कि विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त करने के एवज में कंपनी ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसलिए कंपनी को विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाओं पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म पर 32,403 करोड़ रुपये का टैक्स बाकी है.

GST: देश की दूसरी सबसे बड़ी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) वाली कंपनी इन्फोसिस को तथाकथित तौर पर 32,403 करोड़ रुपये की जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) की चोरी करने का नोटिस मिला है. कंपनी ने शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बताया है कि उसे कर्नाटक स्टेट जीएसटी अथॉरिटी की ओर से 32,403 करोड़ रुपये का जीएसटी पेमेंट को लेकर नोटिस भेजा गया है. कंपनी ने कहा कि जीएसटी पेंमेंट का यह मामला जुलाई, 2017 से मार्च, 2022 के बीच का है. यह मामला इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशों में स्थित शाखाओं के खर्चों से जुड़ा हुआ है. उसने इसका जवाब भी दे दिया है.

जीएसटी आसूचना महानिदेशक ने भेजा कारण बताओ नोटिस

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को दी गई जानकारी में इन्फोसिस ने कहा है कि कंपनी को इसी जीएसटी पेमेंट के मामले में जीएसटी आसूचना के महानिदेशक की ओर से भी कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. कंपनी इसका भी जवाब तैयार कर रही है. समय पर इसका भी जवाब दे दिया जाएगा. कंपनी का कहना ​​है कि वस्तु एवं सेवाकर के नियमों के मुताबिक ऐसे खर्चों पर जीएसटी लागू नहीं होता है.

इन्फोसिस ने जीएसटी बकाया का किया भुगतान

इन्फोसिस ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर सेंट्रल डायरेक्ट टैक्स और सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से अभी हाल ही में जारी किए गए एक सर्कुलर के अनुसार विदेशी शाखाओं की ओर से भारतीय यूनिट को दी जाने वाली सेवाएं जीएसटी के नियमों के तहत नहीं आती हैं. उसने कहा कि इन्फोसिस ने अपने सभी जीएसटी बकाया का भुगतान कर दिया है और इस मामले पर केंद्र और राज्य के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रही है.

ये भी पढ़ें: LPG Gas: आज से दिल्ली से लेकर चेन्नई तक एलपीजी सिलेंडर हो गया महंगा

क्या है मामला

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों की ओर से भेजे गए दस्तावेज में कहा गया है कि विदेशी शाखाओं से सेवाएं प्राप्त करने के एवज में कंपनी ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसलिए कंपनी को विदेशी शाखाओं से प्राप्त सेवाओं पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म पर 32,403 करोड़ रुपये का टैक्स बाकी है. कंपनी इस राशि के भुगतान के लिए जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें: Bank Holiday: अगस्त में 13 दिन बैंकों में रहेगी छुट्टी, आज से ही तय कर लें अपना प्लान

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel