INR vs TTD: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैरेबियन देश त्रिनिदाद एवं टोबैगो की यात्रा पर हैं. उन्होंने शुक्रवार को त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में त्रिनिदाद की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर से मुलाकात की. त्रिनिदाद और टोबैगो का नाम आते ही स्वदेशीपन का अनुभव होने लगता है. इसका कारण यह है कि मॉरीशस और त्रिनिदाद में भारतीय मूल के खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के भोजपुरी भाषी लोग रहते हैं. भारत में मुद्रा के तौर पर रुपये का प्रचलन है, तो त्रिनिदाद में टीटीडी (त्रिनिदाद एवं टोबैगो डॉलर) से खरीद-फरोख्त होती है. हमसब यह जानने के लिए बेहद उत्सुक रहते हैं कि अगर हमारे भारतवंशियों का त्रिनिदाद में शासन है, तो वहां पहुंचकर रुपया कितने टीटीडी के बराबर हो जाता होगा? आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
त्रिनिदाद में रुपये का विनिमय दर
ओपन एक्सचेंज रेट्स के अनुसार, 24 जून 2025 को भारत के 1 रुपये की त्रिनिदाद में विनिमय दर 0.0793 टीटीडी थी. रुपये की यह विनिमय दर त्रिनिदाद एवं टोबैगो की अर्थव्यवस्था और भारत की मुद्रा की वैश्विक स्थिति पर निर्भर करती है. त्रिनिदाद एवं टोबैगो की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और गैस पर आधारित है, जिसके कारण टीटीडी की कीमत वैश्विक ऊर्जा बाजारों के साथ उतार-चढ़ाव करती है. वहीं, भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि, विदेशी निवेश और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की नीतियां भारतीय रुपये की स्थिरता को प्रभावित करती हैं.
इसे भी पढ़ें: घाना में किस भाव बिकता है सोना? दाम जानकर पैर के नीचे खिसक जाएगी जमीन
रुपया और टीटीडी को प्रभावित करने वाले कारक
- वैश्विक ऊर्जा कीमतें: त्रिनिदाद एवं टोबैगो की अर्थव्यवस्था तेल और गैस निर्यात पर निर्भर है. कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि टीटीडी को मजबूत करती है, जिससे भारतीय रुपया-टीटीडी की विनिमय दर कम हो सकती है.
- भारतीय अर्थव्यवस्था: भारत की जीडीपी वृद्धि, निर्यात और विदेशी मुद्रा भंडार भारतीय रुपये की कीमत को स्थिर रखते हैं. हालांकि, महंगाई या नीतिगत परिवर्तन भारतीय रुपये को कमजोर कर सकते हैं.
मौद्रिक नीतियां: त्रिनिदाद एवं टोबैगो का केंद्रीय बैंक और आरबीआई की मौद्रिक नीतियां, जैसे ब्याज दर समायोजन, विनिमय दरों को प्रभावित करती हैं.
वैश्विक व्यापार: दोनों देशों के बीच सीमित द्विपक्षीय व्यापार के बावजूद, वैश्विक व्यापार गतिशीलता, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर (यूएसडी) की ताकत, भारतीय रुपया और टीटीडी दोनों को प्रभावित करती है, क्योंकि दोनों मुद्राएं अमेरिकी डॉलर के साथ आंकी जाती हैं.
इसे भी पढ़ें: टमाटर हुआ लाल और आलू ने तरेरी आंखें, आम आदमी की जेब को तसल्ली से धो रही बारिश
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.