IPL PLAYERS TAX: कल यानी 22 मार्च को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 18वें सीजन की शुरुआत होने वाली है. इसमें खिलाड़ियों की नीलामी करोड़ों रुपये में होती है, लेकिन लोगों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या इन खिलाड़ियों को भी टैक्स देना पड़ता है? अगर हां, तो कितना देना पड़ता है?
आईपीएल में भाग लेने वाले भारतीय और विदेशी खिलाड़ियों के लिए कराधान (टैक्स) के नियम भिन्न होते हैं. भारतीय खिलाड़ियों की देश-विदेश में होने वाली आय पर भारतीय कानून के अनुसार आयकर (इनकम टैक्स) लगाया जाता है. वहीं, आईपीएल में खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों को ‘नॉन-रेसिडेंट’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिससे उनकी टैक्स व्यवस्था अलग होती है.
भारतीय खिलाड़ियों की कमाई पर 10% टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लागू होता है, जबकि विदेशी खिलाड़ियों के लिए यह दर 20% होती है. खिलाड़ियों को उनके अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) की राशि मिलने से पहले ही यह टीडीएस काट लिया जाता है.
खिलाड़ियों के भुगतान की प्रक्रिया
आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को उनकी कॉन्ट्रैक्ट राशि प्राप्त करने के लिए पहले बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) और संबंधित फ्रेंचाइजी के साथ त्रिकोणीय अनुबंध (ट्रायंगुलर एग्रीमेंट) पर हस्ताक्षर करना आवश्यक होता है. यदि फ्रेंचाइजी टीम भुगतान करने में विफल रहती है, तो बीसीसीआई आगे बढ़कर भुगतान सुनिश्चित करता है और फ्रेंचाइजी के सेंट्रल रेवेन्यू फंड से आवश्यक राशि की कटौती करता है.
विशेषज्ञों की राय
बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल फ्रेंचाइजी द्वारा खिलाड़ियों को दी जाने वाली राशि को प्रोफेशनल इनकम के रूप में गिना जाता है. इसलिए, आईपीएल से होने वाली कमाई को उस वित्तीय वर्ष की कुल आय में जोड़ा जाता है और भारतीय आयकर अधिनियम के तहत टैक्स स्लैब के अनुसार कर निर्धारित किया जाता है.
विदेशी खिलाड़ियों के लिए कर नियम
विदेशी खिलाड़ियों पर भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 115BBA के तहत कर लगाया जाता है. इस धारा के अनुसार, यदि कोई अनिवासी (NRI) खिलाड़ी जो भारतीय नागरिक नहीं है, भारत में किसी खेल या उससे जुड़े कार्यक्रम में भाग लेता है, तो उस पर विशेष कर नियम लागू होते हैं. विशेष रूप से, भारत में खेल गतिविधियों, विज्ञापनों या खेल से जुड़े लेखों के प्रकाशन से प्राप्त आय पर 20% की फ्लैट दर से इनकम टैक्स लगाया जाता है. इसके अतिरिक्त, जब ये खिलाड़ी भारत में अपनी आय प्राप्त करते हैं, तो इस पर भी 20% टीडीएस लागू होता है.
विदेशी खिलाड़ियों के लिए भारत में ‘डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट’ (DTAA) के तहत टैक्स राहत की संभावना होती है, जिससे वे अपने गृह देश में टैक्स क्रेडिट के लिए पात्र हो सकते हैं. यदि कोई खिलाड़ी किसी वित्तीय वर्ष में 182 दिनों से अधिक समय भारत में बिताता है, तो उसे ‘रेसिडेंट’ माना जाएगा और उस पर भारतीय नागरिकों के समान टैक्स नियम लागू होंगे.
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