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इजरायल और ईरान में से कहां के लोग ज्यादा कमाते हैं, कौन है सबसे अधिक ताकतवर देश?

Israel Iran Per Capita Income: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध जारी है. इस बीच लोग यह जानना चाह रहे हैं कि दोनों देशों की आर्थिक ताकत कितना है? प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी, व्यापार, विदेशी मुद्रा भंडार और रक्षा बजट आदि मामले में कौन सबसे आगे है? इजरायल तकनीकी और आर्थिक रूप से ईरान से मजबूत है.

Israel Iran Per Capita Income: इजराइल और ईरान के बीच जंग जारी है. हमलों के बीच दुनियाभर की नजर अब इन दोनों देशों की ताकत और आर्थिक स्थिति पर है. दोनों देशों के पास सैन्य शक्ति तो है, लेकिन सवाल उठता है कि आर्थिक दृष्टि से कौन ज्यादा ताकतवर है? कहां के नागरिकों की प्रति व्यक्ति आय अधिक है और किस देश की अर्थव्यवस्था ज्यादा स्थिर है? आइए, इन सवालों का जवाब विस्तार से जानते हैं.

ईरान से अधिक है इजरायल की जीडीपी

अगर हम इन दोनों देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की बात करें, तो इजरायल की अर्थव्यवस्था कहीं अधिक मजबूत नजर आती है. इजरायल की GDP करीब 50 लाख करोड़ रुपये है, जबकि ईरान की GDP लगभग 29 लाख करोड़ रुपये मानी जाती है. हालांकि, यहां जनसंख्या का फर्क बड़ा फैक्टर है. ईरान की जनसंख्या इजरायल से करीब 10 गुना अधिक है. इसलिए जब GDP को जनसंख्या पर विभाजित किया जाता है, तो प्रति व्यक्ति आय में बड़ा अंतर नजर आता है.

प्रति व्यक्ति आय में इजरायल बहुत आगे

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 49 लाख रुपये के आसपास है. वहीं, ईरान में यह आंकड़ा सिर्फ 3.3 लाख रुपये है. इसका मतलब यह है कि इजरायल के एक आम नागरिक की आय ईरान के मुकाबले लगभग 15 गुना ज्यादा है. इजरायल की अर्थव्यवस्था उच्च तकनीक, स्टार्टअप्स, इनोवेशन और डिजिटल सेवाओं पर आधारित है. वहीं, ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल निर्यात और पारंपरिक व्यापार पर केंद्रित है.

वैश्विक व्यापार में ईरान की भूमिका

ट्रेड यानी आयात-निर्यात की बात करें, तो ईरान का व्यापारिक नेटवर्क इजराइल से कहीं बड़ा है. ईरान लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का आयात करता है और 1.4 लाख करोड़ रुपये का निर्यात करता है. इसके मुकाबले इजरायल का आयात करीब 66.6 हजार करोड़ रुपये और एक्सपोर्ट 35.5 हजार करोड़ रुपये है. इसका एक मुख्य कारण यह है कि ईरान तेल निर्यातक देशों में शामिल है, जिससे उसकी ट्रेड वैल्यू अधिक होती है.

विदेशी मुद्रा भंडार में इजरायल आगे

आर्थिक संकट से उबरने की क्षमता की बात करें, तो इसमें इजरायल की स्थिति काफी मजबूत है. उसके पास 19.2 लाख करोड़ रुपये का विदेशी मुद्रा भंडार है. वहीं, ईरान के पास केवल 2.9 लाख करोड़ रुपये की फॉरेन रिजर्व है. यह अंतर दर्शाता है कि वैश्विक बाजार में इजराइल की स्थिरता और भरोसेमंद स्थिति ज्यादा मजबूत है.

रक्षा बजट में कौन करता है ज्यादा खर्च

सेना और हथियारों पर खर्च करने के मामले में भी इजरायल काफी आगे है. इजरायल का वार्षिक डिफेंस बजट लगभग 4 लाख करोड़ रुपये है. इसके मुकाबले ईरान का रक्षा बजट सिर्फ 68 हजार करोड़ रुपये है. इसका मतलब यह है कि इजराइल अपने सैन्य उपकरणों, टेक्नोलॉजी और सुरक्षा ढांचे में काफी बड़ा निवेश करता है.

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इजरायल ईरान से अधिक ताकतवर

युद्ध की स्थिति में दोनों देशों की सैन्य और रणनीतिक शक्ति चर्चा का विषय है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर इजरायल स्पष्ट रूप से ईरान से कहीं अधिक मजबूत नजर आता है. प्रति व्यक्ति आय, विदेशी मुद्रा भंडार और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में इजरायल का वर्चस्व स्पष्ट है, जबकि ईरान की अर्थव्यवस्था अभी भी पारंपरिक व्यापार और ऊर्जा संसाधनों पर अधिक निर्भर है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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