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ITR-3 फॉर्म किसके लिए जरूरी है? रिटर्न फाइल करने से पहले जानिए अहम बातें

ITR-3 Form: ITR-3 फॉर्म उन व्यक्तियों और HUF के लिए जरूरी है, जिन्हें व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से आय होती है. नए बदलावों से रिटर्न फाइलिंग आसान हुई है. जानिए शिड्यूल AL, FA और कैपिटल गेन रिपोर्टिंग में क्या बदला है और किन टैक्सपेयर्स को होगा इसका लाभ.

ITR-3 Form: अगर आप नौकरी-पेशा, कारोबारी, बड़े किसान या उद्यमी हैं और आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको आईटीआर के कुछ फॉर्मों के बारे जान लेना चाहिए. यह अहम जानकारी आईटीआर फाइल करते समय आपको काफी काम आएगा. इन्हीं फॉर्मों में एक फॉर्म ITR-3 भी है. यह फॉर्म नौकरी करने वाले आयकरदाता, कारोबारी, किसान या उद्यमियों के लिए नहीं है. अगर यह इन लोगों के लिए नहीं है, तो फिर किसके लिए है? इसका इस्तेमाल कैसे और क्यों किया जाता है? ITR-3 फॉर्म भरना किसके लिए जरूरी है, यह जानना बहुत जरूरी है. अगर आप यह जान जाएंगे, तो फिर आयकर रिटर्न दाखिल करना आसान हो जाएगा.

ITR-3 क्या है?

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-3 फॉर्म जारी कर दिया है. यह फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए जरूरी है, जिन्हें व्यवसाय या पेशेवर सेवाओं से आय होती है. 30 अप्रैल 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस फॉर्म में कई अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य रिटर्न फाइलिंग को सरल और प्रभावी बनाना है.

कई समस्याओं को दूर करता ITR-3 फॉर्म

पहले, कई टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म भरते समय कई प्रकार की जटिलताओं और समस्याओं का सामना करना पड़ता था. खासकर तब, जब उन्हें एसेट-लायबिलिटी, टीडीएस, और कैपिटल गेन से जुड़ी जानकारी का खुलासा करना होता था. उदाहरण के तौर पर, ‘शिड्यूल एएल’ में 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति या देनदारियों की रिपोर्टिंग की बाध्यता बहुत से करदाताओं के लिए परेशानी का कारण बनती थी. साथ ही, विदेशी आय और संपत्ति की जानकारी देने की प्रक्रिया भी पेचीदा मानी जाती थी.

फॉर्म में सुधार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद

अब आयकर विभाग की ओर से ITR-3 में किए गए सुधारों से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. ‘शिड्यूल एएल’ के तहत एसेट और लायबिलिटी की रिपोर्टिंग की सीमा 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. इससे अब कम जानकारी साझा करनी होगी और अधिक करदाता इससे लाभान्वित होंगे. इसके अलावा, ऐसे ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स जिनकी सालाना आय 5 करोड़ रुपये से अधिक है, उनके लिए सेक्शन 194Q के तहत 1% टीडीएस लागू होगा. विदेशी संपत्तियों और आय की जानकारी देने के लिए अब शिड्यूल FA में स्पष्ट कॉलम होंगे. साथ ही, पुराने टैक्स सिस्टम को अपनाने के लिए टैक्सपेयर्स फॉर्म 10-IEA भरकर विकल्प चुन सकते हैं. इन सुधारों के अलावा, कैपिटल गेन से जुड़ी जानकारी के लिए शिड्यूल CG और सेक्शन 50 के तहत STCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन) के लिए नया कॉलम जोड़ा गया है, जिससे रिटर्न फाइलिंग और ज्यादा पारदर्शी होगी.

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टैक्सपेयर्स के लिए सुविधाजनक

ITR-3 फॉर्म का नया संस्करण न केवल टैक्सपेयर्स के लिए सुविधाजनक है, बल्कि आयकर विभाग के डिजिटलीकरण और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य को भी मजबूत करता है. जिन लोगों की आय पेशेवर सेवाओं या व्यवसाय से है, उन्हें इन बदलावों की जानकारी जरूर होनी चाहिए ताकि वे समय रहते और सही ढंग से रिटर्न फाइल कर सकें.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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