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ITR Filing 2025: नौकरी-पेशा लोगों को आईटीआर फाइल करना हुआ आसान, जानें इनकम टैक्स की पूरी प्रक्रिया

ITR Filing 2025: जैसे-जैसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तारीख नजदीक आ रही है, नौकरी करने वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज, फॉर्म 16 की अहमियत बढ़ गई है. यह फॉर्म रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया की पहली सीढ़ी है और तब तक ITR भरना संभव नहीं जब तक यह दस्तावेज हाथ में न हो. दस्तावेज में गलत या अधूरी जानकारी रिटर्न रिजेक्ट होने का कारण भी बन सकती है.

ITR Filing 2025: नौकरी-पेशा लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना बेहद आसान हो गया है. इसका कारण यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने फॉर्म 16 को आसान बना दिया है. फॉर्म 16 एक सर्टिफिकेट है, जिसे एम्प्लॉयर अपने कर्मचारियों के लिए जारी करता है. इसमें पिछले वित्त वर्ष के दौरान दी गई सैलरी, TDS (Tax Deducted at Source) की कटौती और टैक्स सेविंग्स पर हुए डिडक्शन की पूरी जानकारी होती है. गलत या अधूरी जानकारी रिटर्न रिजेक्ट होने का कारण बन सकती है. इस साल इनकम टैक्स विभाग द्वारा फॉर्म 16 में कुछ बदलाव किये गए हैं, जिससे यह टॅक्सपेयर्स के लिए रिटर्न फाइल करना और आसान बना देगी.

कब मिलता है फॉर्म 16

हर साल एम्प्लॉयर्स यह फॉर्म वित्त वर्ष के खत्म होने के बाद आमतौर पर जून के अंत तक अपने एम्प्लॉइज को देते हैं. इस साल यह फॉर्म 15 जून तक इश्यू किया जाएगा. इसके बाद ही कर्मचारी अपने टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इस फॉर्म में दी गई जानकारियां, जैसे सैलरी ब्रेकअप, TDS आदि के तहत की गई टैक्स बचत ITR भरने के लिए सीधे इस्तेमाल होती हैं. गलत या अधूरी जानकारी रिटर्न रिजेक्ट होने का कारण बन सकती है. 

क्या है नई अपडेट 

इस साल इंकम टैक्स डिपार्ट्मन्ट द्वारा फॉर्म 16 में कुछ बदलाव किये गए हैं. अब ITR-1 भरने वालों के लिए एक राहत की खबर है. पहले यह फॉर्म सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए था जिनकी आय के सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी, सेविंग्स या फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला इंटरेस्ट, डिविडेंड्स और 5000 रुपये से कम की ऐग्रिकल्चरल आय तक सीमित थे, लेकिन अब नियमों में बदलाव किया गया है और वित्त वर्ष 2024-25 से अगर किसी व्यक्ति ने शेयर या म्यूचुअल फंड की यूनिट्स बेचकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) कमाया है, तो वह भी ITR-1 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकता है. शर्त सिर्फ इतनी है कि साल भर में यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए. इस बदलाव से उन टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी जो छोटी-मोटी निवेश से कुछ लाभ कमा लेते हैं और अब उन्हें कठिन ITR फॉर्म्स भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

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आईटीआर फॉर्म 1 क्या है

आईटीआर फॉर्म 1, जिसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है, उन आम टॅक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आय साधारण स्रोतों से होती है, जैसे सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी से कमाई, बैंक ब्याज या डिविडेंड्स. यह फॉर्म सबसे आसान और सीधा फॉर्म मन जाता है, जिसे नौकरी करने वाले या सीमित आय वाले लोग अपनी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. अगर आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम है और आपकी कमाई के स्रोत सरल हैं, तो यह फॉर्म आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है. 

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