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कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के नए अपडेट्स और अनुपालन की समय-सीमा

जैसा कि मैंने दशकों से कॉर्पोरेट जगत को देखा है, नियामक अनुपालन व्यवसाय संचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने हाल ही में अगस्त के लिए कई महत्वपूर्ण अपडेट्स और अनुपालन समय-सीमा जारी की है। इसमें MCA21 V2 से V3 संक्रमण के दौरान 13 ई-फॉर्म्स के लिए शुल्क छूट शामिल है, जो 15 अगस्त तक वैध है। यह उन कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिन्हें अभी भी अपनी फाइलिंग पूरी करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि वे नए नियमों का पालन कर रही हैं।


कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने कंपनियों और पेशेवरों के लिए कई महत्वपूर्ण नए अपडेट्स और अनुपालन की समय-सीमाएं जारी की हैं, जिससे अब सभी को अपनी प्रक्रियाओं में तुरंत बदलाव करने होंगे. यह घोषणा पूरे भारत में पंजीकृत कंपनियों और उनसे जुड़े पेशेवरों पर तत्काल प्रभाव से लागू होती है, और इन बदलावों को समय रहते न समझने या लागू न करने पर भारी जुर्माना लग सकता है. इन अपडेट्स का सीधा असर कंपनियों के कामकाज, दस्तावेज जमा करने और वित्तीय रिपोर्टिंग पर पड़ेगा, जिससे व्यापारिक संचालन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. सभी हितधारकों के लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये नए नियम भविष्य के लिए क्या मायने रखते हैं और इनका अनुपालन कैसे किया जाए.

नए नियमों का अवलोकन

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने हाल के समय में कॉर्पोरेट जगत के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव और समय-सीमाएं घोषित की हैं. इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना, पारदर्शिता बढ़ाना और अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाना है. इन अपडेट्स में कंपनी अधिनियम, 2013 और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के तहत वार्षिक फाइलिंग, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के नियम, और स्वतंत्र निदेशकों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं.

MCA21 V3 पोर्टल और डिजिटल बदलाव

मंत्रालय ने MCA21 V3 पोर्टल पर एक बड़ा डिजिटल बदलाव किया है. 14 जुलाई, 2025 से, कंपनी फाइलिंग से संबंधित 38 महत्वपूर्ण फॉर्म, जिनमें 13 वार्षिक फाइलिंग फॉर्म और 6 ऑडिट फॉर्म शामिल हैं, केवल MCA21 V3 पोर्टल पर उपलब्ध होंगे. यह बदलाव पुरानी V2 प्रणाली से पूरी तरह से नए और आधुनिक V3 प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट होने का प्रतीक है. यह डिजिटल बदलाव उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने, डेटा की सटीकता बढ़ाने और प्रमाणीकरण प्रक्रियाओं को मजबूत करने पर केंद्रित है. MCA21 V3 पोर्टल की मुख्य विशेषताएं:

  • वेब-आधारित फॉर्म: ये फॉर्म रियल-टाइम डेटा सत्यापन की सुविधा प्रदान करते हैं.
  • सुरक्षा: प्रणाली को उन्नत सुरक्षा सुविधाओं, जैसे मल्टी-फैक्टर प्रमाणीकरण के साथ मजबूत किया गया है, ताकि धोखाधड़ी को रोका जा सके.
  • रियल-टाइम प्रोसेसिंग: इससे फाइलिंग की प्रक्रिया तेज और कुशल होगी.
  • स्ट्रीमलाइन ई-भुगतान: भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाया गया है.
  • बेहतर ट्रैकिंग उपकरण: उपयोगकर्ता अपने फॉर्म की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं और सीधे डैशबोर्ड से चालान और प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1 अप्रैल, 2024 से 27 जनवरी, 2025 तक MCA21 V3 प्लेटफॉर्म पर 53. 08 लाख फॉर्म दाखिल किए गए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में दाखिल किए गए 47. 72 लाख फॉर्म से अधिक है. यह दर्शाता है कि हितधारक इस नई प्रणाली के साथ अधिक जुड़ रहे हैं.

वार्षिक अनुपालन और समय-सीमाएं

कंपनियों और सीमित देयता भागीदारी (LLP) के लिए वार्षिक अनुपालन एक महत्वपूर्ण दायित्व है. कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत प्रत्येक कंपनी के लिए वित्तीय विवरण (फॉर्म AOC-4) और वार्षिक रिटर्न (फॉर्म MGT-7/7A) को निर्धारित समय-सीमा के भीतर दाखिल करना अनिवार्य है. इसी तरह, सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के तहत पंजीकृत प्रत्येक LLP को अपने खाते का विवरण (फॉर्म LLP-8) और वार्षिक रिटर्न (फॉर्म LLP-11) रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (ROC) के पास दाखिल करना होता है. प्रमुख अनुपालन समय-सीमाएं:

  • वार्षिक रिटर्न: वार्षिक आम बैठक (AGM) की तारीख से 60 दिनों के भीतर दाखिल करना होता है। जिन कंपनियों के लिए AGM की आवश्यकता नहीं होती है, उनके लिए नियत तारीख AGM की नियत तारीख से 60 दिन होती है.
  • वित्तीय विवरण: इन्हें AGM की तारीख से एक महीने के भीतर दाखिल करना होता है.
  • पंजीकृत कार्यालय की फोटो: कंपनियों और बॉडी कॉर्पोरेट के लिए वार्षिक फाइलिंग प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अपने पंजीकृत कार्यालय की एक तस्वीर जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है. इस तस्वीर में कंपनी का नाम, पता, ईमेल आईडी, फोन नंबर, कॉर्पोरेट पहचान संख्या (CIN), और यदि लागू हो तो GST नंबर जैसे आवश्यक विवरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होने चाहिए. यह नया नियम कंपनी (निगमन) संशोधन नियम, 2025 के तहत आया है, जो 14 जुलाई, 2025 से प्रभावी है.
  • CSR फॉर्म CSR-2: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए फॉर्म CSR-2 दाखिल करने की समय-सीमा 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह 31 दिसंबर, 2024 थी.
फॉर्म का नामउद्देश्यदाखिल करने की नियत तारीख
MSME-1MSME को 45 दिनों से अधिक के बकाया भुगतान के लिए अर्ध-वार्षिक फॉर्मप्रत्येक वित्तीय वर्ष के प्रत्येक छमाही के अंत से एक महीने के भीतर (उदाहरण: अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के लिए 30 अप्रैल 2024; अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 के लिए 31 अक्टूबर 2024)
NDH-3निधि कंपनी का अर्ध-वार्षिक रिटर्नप्रत्येक छमाही के समापन से तीस दिनों के भीतर (उदाहरण: अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 के लिए 30 अप्रैल 2024; अप्रैल 2024 से सितंबर 2024 के लिए 30 अक्टूबर 2024)
फॉर्म-11 (LLP)सीमित देयता भागीदारी का वार्षिक रिटर्नवित्तीय वर्ष के अंत से 60 दिनों के भीतर (30 मई 2024)
FC-4विदेशी कंपनी का वार्षिक रिटर्नवित्तीय वर्ष के समापन से 60 दिनों के भीतर (30 मई 2024)
AOC-4 (वित्तीय विवरण)वित्तीय विवरण दाखिल करनाAGM की तारीख से 30 दिनों के भीतर (OPC के लिए 27 सितंबर, 2025 तक, अन्य कंपनियों के लिए 29 अक्टूबर, 2025 तक)
MGT-7/7A (वार्षिक रिटर्न)वार्षिक रिटर्न दाखिल करनाAGM की तारीख से 60 दिनों के भीतर (28 नवंबर, 2025 तक)

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) में बदलाव

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) से संबंधित नियमों में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत, कुछ शर्तों को पूरा करने वाली कंपनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% CSR गतिविधियों पर खर्च करना होता है। संशोधनों की मुख्य बातें:

  • प्रभाव मूल्यांकन लागत: CSR नियमों में संशोधन किया गया है ताकि प्रभाव मूल्यांकन (Impact Assessment) के संचालन पर होने वाले खर्च की गणना के तरीके को संशोधित किया जा सके। बड़े CSR खर्च करने वालों को अपनी गतिविधियों का स्वतंत्र प्रभाव मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। नए नियमों के अनुसार, सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन के लिए व्यय कुल CSR व्यय के 2% या 50 लाख रुपये, जो भी अधिक हो, से अधिक नहीं हो सकता है। पहले यह कुल CSR खर्च का केवल 5% या 50 लाख रुपये, जो भी कम हो, तक सीमित था।
  • CSR समिति: जिन कंपनियों के ‘अव्ययित कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व खाते’ में कोई राशि बची है, उन्हें CSR कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक CSR समिति का गठन करना चाहिए। कंपनियों को इस नामित खाते में CSR के लिए निर्धारित अव्ययित राशि रखने की अनुमति है, लेकिन उन्हें तीन वित्तीय वर्षों के भीतर इसका उपयोग करना होगा।
  • वार्षिक रिपोर्ट का नया प्रारूप: CSR गतिविधियों पर वार्षिक रिपोर्ट के लिए एक नया प्रारूप जारी किया गया है, जिसे बोर्ड की रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर CSR समिति की संरचना, CSR नीति और बोर्ड द्वारा अधिकृत CSR परियोजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करनी होगी।

स्वतंत्र निदेशकों से संबंधित नियम

स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका को और मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। स्वतंत्र निदेशकों को कॉर्पोरेट प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और बदलाव के वाहक बनने की उम्मीद है। मुख्य अपडेट्स:

  • योग्यता परीक्षा: स्वतंत्र निदेशकों के लिए भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान (IICA) डेटाबैंक के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य है। 10 साल से कम के अनुभव वाले स्वतंत्र निदेशकों को कंपनी कानून, प्रतिभूति कानून और बुनियादी दक्षता को कवर करने वाली एक ऑनलाइन योग्यता स्व-मूल्यांकन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इस परीक्षा को पास करने के लिए कम से कम 60% अंक प्राप्त करना आवश्यक है और प्रयासों की संख्या की कोई सीमा नहीं है।
  • डिजिटल पहचान: प्रत्येक निदेशक, जिसमें स्वतंत्र निदेशक भी शामिल हैं, के पास कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 153 के अनुसार एक निदेशक पहचान संख्या (DIN) होना अनिवार्य है।
  • डायरेक्टर संपर्क विवरण अपडेट: कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी (निदेशकों की नियुक्ति और योग्यता) नियम, 2014 में संशोधन पेश किया है, जो 1 अगस्त, 2024 से प्रभावी हो गया है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना और निदेशकों की नियुक्ति की प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। नियम 12A में संशोधन अब यह अनिवार्य करता है कि निदेशकों की व्यक्तिगत जानकारी में किए गए अपडेट प्रत्येक वित्तीय वर्ष की 30 सितंबर तक एक निर्दिष्ट फॉर्म में किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, निदेशकों को अपने मोबाइल नंबर और ईमेल पते को रियल टाइम में अपडेट करने की अनुमति देने का एक नया प्रावधान पेश किया गया है, जो पिछली वार्षिक अपडेट प्रक्रिया की जगह लेता है।

निजी कंपनियों के लिए समय-सीमा का विस्तार

मंत्रालय ने निजी कंपनियों के लिए कुछ नियामक आवश्यकताओं का पालन करने की समय-सीमा बढ़ा दी है। कंपनी (प्रोस्पेक्टस और प्रतिभूतियों का आवंटन) नियम, 2014 में संशोधन के माध्यम से, 31 मार्च, 2023 तक छोटी कंपनियों के रूप में वर्गीकृत न की गई निजी कंपनियों (उत्पादक कंपनियों के अलावा) को अब 30 जून, 2025 तक अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने का समय दिया गया है। यह विस्तार कंपनियों को नियामक दृष्टिकोण से अनावश्यक दबाव के बिना अपने संचालन को जारी रखने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करता है।

निवेशक शिक्षा और संरक्षण

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA) ने ‘सक्षम निवेशक’ नामक एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। यह 100 दिवसीय अभियान 28 जुलाई से 6 नवंबर, 2025 तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य उन शेयरधारकों को सशक्त बनाना है जिनके लाभांश अभी भी कंपनियों में अप्रयुक्त पड़े हैं। अभियान का उद्देश्य:

  • अप्रयुक्त लाभांश का समाधान: कंपनियों में वर्षों से पड़े अप्रयुक्त लाभांश से संबंधित मामलों का समाधान करना।
  • KYC और नामांकन विवरण अपडेट: शेयरधारकों को उनके KYC (अपने ग्राहक को जानें) और नामांकन विवरण को अद्यतन करने में सहायता करना।
  • प्रत्यक्ष लाभांश प्राप्ति: यह सुनिश्चित करना कि निवेशकों को लाभांश सीधे कंपनियों से प्राप्त हो।

यह अभियान उन निवेशकों को विशेष रूप से जागरूक कर रहा है जो अभी भी भौतिक रूप में शेयर प्रमाण पत्र रखते हैं। समय पर कार्रवाई करने से निवेशकों को न केवल अपने लाभांश को पुनः प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके अंतर्निहित शेयरों को IEPFA में स्थानांतरित होने से भी बचाया जा सकेगा। IEPFA वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए ‘निवेशक दीदी’, ‘निवेशक पंचायत’, और ‘निवेशक शिविर’ जैसी पहल भी चला रहा है।

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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