Medicine Price Hike: अगर आप रोजाना दवाओं का सेवन करते हैं, तो 1 अप्रैल से आपकी दवा का खर्च बढ़ने वाला है. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.7% तक बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिससे लाखों मरीजों पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है.
महंगी होंगी ये जरूरी दवाएं
दवाओं की कीमतों में इस बढ़ोतरी से कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और एंटीबायोटिक्स जैसी दवाओं के दाम बढ़ जाएंगे. राष्ट्रीय आवश्यक औषधि सूची (NLEM) में शामिल दवाओं की कीमतों में यह इजाफा होगा, जिससे लंबे समय तक इलाज कराने वाले मरीजों को झटका लग सकता है.
कीमतें क्यों बढ़ाई जा रही हैं?
NPPA के मुताबिक, यह मुद्रास्फीति आधारित मूल्य संशोधन है. सरकार हर साल आवश्यक दवाओं की कीमतों की समीक्षा करती है और इस बार थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में बढ़ोतरी के कारण दवा कंपनियों को कीमतें बढ़ाने की अनुमति दी गई है.
दवा महंगी होने से मरीजों पर असर
- क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ सकती है.
- महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के लिए दवाएं खरीदना और मुश्किल होगा.
पिछले साल भी बढ़े थे दाम
2023 में भी NPPA ने 12% तक की वृद्धि की थी, जिससे पहले से ही महंगाई से जूझ रहे मरीजों पर अतिरिक्त बोझ पड़ा था. इस साल भी राहत की कोई उम्मीद नहीं है.
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क्या कर सकते हैं मरीज?
- ज्यादा खर्च से बचने के लिए डॉक्टर से सस्ती जेनेरिक दवाओं के विकल्प के बारे में पूछें.
- बड़ी मात्रा में खरीदारी पर छूट पाने के लिए थोक में खरीदने की योजना बनाएं.
- हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ उठाने के लिए अपनी पॉलिसी की समीक्षा करें.
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