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मेटा की निवेश फर्जीवाड़े पर की सख्त कार्रवाई, 23,000 फेसबुक पेज और अकाउंट किए बंद

Meta Action: मेटा ने मार्च में भारत और ब्राजील में निवेश से जुड़ी धोखाधड़ी को लेकर 23,000 से अधिक फर्जी फेसबुक पेज और अकाउंट हटा दिए. डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर यूजर्स को ठगने की कोशिश की जा रही थी. मेटा ने साइबर सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जागरूकता अभियान भी शुरू किया है, जिससे लोग ऑनलाइन निवेश घोटालों से बच सकें.

Meta Action: सोशल मीडिया दिग्गज मेटा (Meta) ने मार्च 2025 में एक बड़ा कदम उठाते हुए 23,000 से अधिक फेसबुक पेज और खातों को हटा दिया है. ये सभी अकाउंट भारत और ब्राजील में निवेश धोखाधड़ी फैलाने में लिप्त पाए गए. मेटा ने यह कदम अपनी प्लेटफॉर्म सुरक्षा नीति और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया.

डीपफेक से किया जा रहा था फर्जीवाड़ा

मेटा के अनुसार, इन स्कैमर्स ने डीपफेक तकनीक (Deepfake Technology) का इस्तेमाल करके लोकप्रिय वित्तीय सलाहकारों, क्रिकेट खिलाड़ियों और व्यापारिक हस्तियों की नकली वीडियो और छवियां बनाई. इन नकली पोस्ट्स और वीडियोज के जरिए लोगों को जाल में फंसाकर उन्हें फर्जी निवेश ऐप्स और ऑनलाइन सट्टेबाजी वेबसाइट्स पर लुभाया जा रहा था.

मेसेजिंग ऐप्स और फर्जी वेबसाइट्स का सहारा

फर्जीवाड़ा करने वाले इन खातों के जरिए लोगों को निवेश सलाह देने के नाम पर मेसेजिंग ऐप्स जैसे WhatsApp पर ले जाया जाता था, जहां उन्हें फर्जी वेबसाइट्स पर निवेश करने के लिए प्रेरित किया जाता. यह एक संगठित साइबर धोखाधड़ी की रणनीति थी, जिससे हजारों लोग ठगी का शिकार बन सकते थे.

मेटा की चेतावनी और जागरूकता अभियान

मेटा ने अपने बयान में कहा, “हमने मार्च में धोखाधड़ी से संबंधित गतिविधियों में शामिल 23,000 से अधिक पेज और प्रोफाइल को हटाया है. ये प्रयास मुख्य रूप भारत और ब्राजील के यूजर्स को निशाना बना रहे थे.”

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मेटा ने शुरू किया जागरूकता अभियान

मेटा ने साथ ही ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कैम को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है. इसके तहत यूज़र्स को ऑनलाइन लेनदेन और निवेश के समय फर्जी संकेतों की पहचान करने और उनसे बचने की सुरक्षा सलाह दी गई है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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