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Mutual funds : म्यूचुअल फंड स्कीमें कैश जमा करके क्यों बैठी हैं ?

Mutual funds: कुछ म्यूचुअल फंड स्कीमें फिलहाल पैसा खर्च करने के बजाय कैश बचाकर रख रही हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बाजार में शेयर महंगे हो गए हैं और आगे गिरावट का इंतजार किया जा रहा है. उनका मानना है कि जल्दीबाजी करने की बजाय सही मौके पर निवेश करना ज्यादा समझदारी है. दूसरी तरफ कुछ फंड्स कैश नहीं रोक रहे और बाजार में सक्रिय बने हुए हैं. निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि हर फंड की रणनीति अलग होती है और यह उनकी सोच और अनुभव पर आधारित होती है.

Mutual funds : शेयर बाजार में जहां कई निवेशक अच्छे रिटर्न देने वाले स्टॉक्स ढूंढने में लगे हैं, वहीं कुछ म्यूचुअल फंड स्कीमों ने बड़ी मात्रा में पैसा (कैश) बचाकर रखा है. सिर्फ 5 स्कीमों के पास 58,442 करोड़ रुपये कैश पड़ा है, जो कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल कैश का लगभग 30% है.

इनमें सबसे आगे है पाराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड, जिसके पास अकेले 22,360 करोड़ रुपये कैश में हैं. इसके अलावा SBI कॉन्ट्रा फंड, HDFC फ्लेक्सी कैप, मोतिलाल ओसवाल मिडकैप, और HDFC मिडकैप ऑपर्च्युनिटीज जैसे फंड भी काफी कैश संभाल कर बैठे हैं.

फंड मैनेजर पैसा क्यों रोक कर बैठे हैं?

इन फंड मैनेजर्स का मानना है कि अभी बाजार बहुत महंगा हो गया है, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स की कीमतें जरूरत से ज़्यादा बढ़ गई हैं. इसलिए वे बाजार गिरने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि फिर अच्छे शेयर सस्ते में खरीदे जा सकें.
इसलिए वे फिलहाल पैसा खर्च नहीं कर रहे ये कोई डर या जल्दबाजी नहीं है, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है.

कुछ फंड्स कैश को प्राइमरी मार्केट की तरफ मोड़ रहे हैं

जब बाजार ऊपर चल रहा हो, तब पैसा न लगाना दिखाता है कि कई फंड मैनेजर बाजार की तेज़ी का पीछा नहीं करना चाहते. इसके बजाय वे IPO जैसे प्राइमरी मार्केट के विकल्पों की तरफ ध्यान दे रहे हैं, जहाँ उन्हें नए और बेहतर मौके दिख रहे हैं.

लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स की स्थिति

लार्जकैप फंड्स: इनकी नकदी कुछ कम हुई है क्योंकि इन कंपनियों में अभी भी निवेश को लेकर भरोसा है.

मिडकैप फंड्स: इनमें नकदी बढ़ी है, यानी ये सतर्क हो गए हैं. मिडकैप फंड्स में अब करीब ₹29,900 करोड़ कैश है.

स्मॉलकैप फंड्स: यहाँ नकदी लगभग स्थिर बनी हुई है ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है.

पाराग पारिख और Quantum जैसे फंड्स क्या सोचते हैं?

पाराग पारिख फंड हाउस का मानना है कि हर दिन अच्छा निवेश मौका नहीं मिलता, इसलिए वो कैश बचाकर रखते हैं और सही समय पर निवेश करते हैं जैसे टेस्ट क्रिकेट में धैर्य दिखाना.

Quantum AMC भी लगभग 12% कैश रखता है और कहता है कि हम इसलिए पैसा रोक कर बैठे हैं क्योंकि फिलहाल अच्छे शेयर सस्ते दामों पर नहीं मिल रहे.

सभी फंड ऐसा नहीं कर रहे

Edelweiss Mutual Fund का मानना है कि कैश रखकर बैठना उनका काम नहीं, बल्कि उन्हें बैलेंस बनाना होता है कहां कब पैसा लगाना है.

ICICI Direct के एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बहुत ज्यादा कैश रखना जोखिम वाला फैसला है, क्योंकि बाजार कब गिरेगा, ये कहना मुश्किल है, और जब गिरे, तो उस समय निवेश करना और भी कठिन हो सकता है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Shailly Arya
Shailly Arya
मैं एक बिजनेस पत्रकार हूं और फिलहाल प्रभात खबर में काम कर रही हूं. इससे पहले मैंने इकोनॉमिक टाइम्स, दैनिक भास्कर और ABP न्यूज़ जैसे बड़े मीडिया संस्थानों में काम किया है. मुझे कुल मिलाकर 1.5 साल से ज्यादा का अनुभव है. फाइनेंसियल लिटरेसी के बारे में हर किसी को पता होना चाहिए. शेयर बाज़ार हो या म्यूचुअल फंड, मेरा मकसद है कि हर आम इंसान को समझ में आए कि उसका पैसा कैसे काम करता है और कैसे बढ़ता है. मैं मानती हूं जानकारी तभी काम की होती है जब वो समझ में आए. इसलिए मैं लाती हूं बिज़नेस की बड़ी ख़बरें, आसान शब्दों में और आपके लिए. आइए, बिजनेस की दुनिया को थोड़ा और आसान बनाएं साथ मिलकर.

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