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नए साल पर Modi सरकार का तोहफा : एक साल तक भारत के 81.35 करोड़ गरीबों को Free में मिलेगा राशन

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया गया. इसमें यह तय किया गया कि 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर पड़ने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार खुद उठाएगी.

नई दिल्ली : केंद्र की मोदी सरकार ने भारत के करीब 81.35 करोड़ लोगों को नए साल का तोहफा दिसंबर 2022 में ही दे दिया है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने भारत के 81.35 करोड़ गरीबों को आगामी एक साल तक मुफ्त में राशन देने का फैसला किया है. हिंदी की समाचार एजेंसी भाषा की खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया है. इस पर सरकार को करीब करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.

दो लाख करोड़ का खर्चा उठाएगी केंद्र सरकार

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया गया. इसमें यह तय किया गया कि 81.35 करोड़ गरीबों को एक साल तक खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर पड़ने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार खुद उठाएगी. केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा. फिलहाल, इस कानून के तहत लाभ पाने वाले लोगों को अनाज के लिए एक से तीन रुपये प्रति किलो का भुगतान करना पड़ता है.

31 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी पीएमजीकेएवाई की अवधि

सरकार का यह फैसला उस समय आया है, जब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की अवधि 31 दिसंबर को खत्म होने वाली है. कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में की गई थी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने गरीबों को मुफ्त में अनाज देने का ऐतिहासिक फैसला किया है। इस फैसले से कुल 81.35 करोड़ लोग लाभांवित होंगे. पीएमजीकेएवाई को अब खत्म किए जाने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा कि सरकार ने इस योजना के तहत 28 महीनों तक मुफ्त अनाज मुहैया कराया है. अब इसे एनएफएसए के साथ ही समाहित कर दिया गया है और अतिरिक्त अनाज देने की जरूरत नहीं रह गई है.

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तीन रुपये किलो चावल, दो रुपये किलो गेहूं

खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले एनएफएसए कानून के तहत सरकार की तरफ से हरेक पात्र व्यक्ति को हर महीने तीन रुपये प्रति किलो की दर पर चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर पर गेहूं मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा, एक रुपये प्रति किलो की दर पर मोटा अनाज भी दिया जाता है. एनएफएसए कानून को जुलाई 2013 में लागू किया था, जिसमें देश की 67 प्रतिशत आबादी को अत्यधिक सस्ती दर पर खाद्यान्न पाने का कानूनी अधिकार दिया गया था. सरकारी अधिकारियों ने एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के इस फैसले को देश के गरीबों के लिए ‘नए साल का उपहार’ बताते हुए कहा कि लाभार्थियों को अब खाद्यान्न के लिए एक भी रुपया नहीं देना होगा. इस पर आने वाले करीब दो लाख करोड़ रुपये के समूचे बोझ को खुद सरकार ही उठाएगी.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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