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ONGC असम के गैस कुएं में भयंकर रिसाव, लोगों को सता रहा 2020 के हादसे का डर

ONGC: असम के शिवसागर जिले में ओएनजीसी के पुराने गैस कुएं से अनियंत्रित गैस रिसाव की घटना ने लोगों को 2020 के बागजान हादसे की याद दिला दी है. भोटियापार क्षेत्र के कुएं संख्या 147ए में सर्विसिंग के दौरान अचानक रिसाव शुरू हुआ. ओएनजीसी की आपदा प्रबंधन टीम रिसाव पर काबू पाने में जुटी है. सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू कर दिए गए हैं और जांच जारी है. फिलहाल कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है.

ONGC: सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) को असम के शिवसागर जिले के रुद्रसागर क्षेत्र में स्थित एक पुराने कुएं से गैस के अनकंट्रोल्ड रिसाव हो रहा है. भोटियापार के पास कुआं संख्या 147ए में सर्विसिंग गतिविधियों के दौरान अचानक गैस का रिसाव शुरू हुआ. हालांकि, अभी तक किसी प्रकार की आगजनी या जनहानि की खबर नहीं है.

सुरक्षा प्रोटोकॉल और आपदा प्रबंधन

ओएनजीसी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया. आपातकालीन प्रतिक्रिया दल ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र को घेराबंदी में ले लिया. आपदा प्रबंधन टीम रिसाव को नियंत्रित करने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से लगातार कार्य कर रही है. कंपनी को उम्मीद है कि स्थिति को बहुत जल्द सामान्य कर लिया जाएगा.

सीमित पहुंच और जांच प्रक्रिया

गैस रिसाव की संवेदनशीलता को देखते हुए, घटना स्थल पर केवल संबंधित परिचालन कर्मियों को ही जाने की अनुमति दी गई है. कंपनी ने बताया कि विस्तृत जांच प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि इस घटना के मूल कारण का पता लगाया जा सके. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, जोन स्थानांतरण के लिए छिद्र तैयार करने के दौरान ही रिसाव की घटना हुई थी.

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स्थानीय लोगों में डर का माहौल

हालांकि, यह कुआं फिलहाल उत्पादन में नहीं था, लेकिन अचानक हुए विस्फोट और गैस रिसाव ने आसपास के ग्रामीणों को डरा दिया है. कई लोगों ने एहतियातन अपने घर छोड़ दिए हैं. इस घटना ने लोगों को 2020 के बागजान हादसे की याद दिला दी, जहां 173 दिनों तक गैस रिसाव और आगजनी की वजह से तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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