Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमले के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से शुरू किया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) अब ट्रेडमार्क (Trademark) बनेगा. भारतीय सशस्त्र बलों के इस शब्द को ट्रेडमार्क कराने के लिए पांच लोगों ने पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क महानियंत्रक से संपर्क करके आवेदन जमा कराया है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात भी चर्चा की जा रही थी कि इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने भी आवेदन किया है, लेकिन उसने अपना यह आवेदन वापस ले लिया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वापस लिया आवेदन
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के प्रवक्ता ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ट्रेडमार्क श्रेणी 41 के तहत रजिस्टर्ड कराने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपना आवेदन वापस ले लिया है. हालांकि, बाकी के पांच अन्य की ओर से अभी किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस श्रेणी में शिक्षा, प्रशिक्षण, मनोरंजन और सांस्कृतिक सेवाएं आती हैं. यह इस बात का संकेत देता है कि कंपनी इस शब्द का इस्तेमाल भविष्य में मीडिया, फिल्म, वेब सीरीज या किसी अन्य रचनात्मक परियोजना में कर सकती है.
अनजाने में दायर कर दिया गया था आवेदन
प्रवक्ता ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का ट्रेडमार्किंग ऑपरेशन सिंदूर का कोई इरादा नहीं है. एक शब्द जो अब भारतीय बहादुरी के एक उत्साही प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय चेतना का एक हिस्सा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक इकाई जियो स्टूडियोज ने अपने ट्रेडमार्क एप्लिकेशन को वापस ले लिया है, जिसे बिना किसी प्राधिकरण के एक जूनियर व्यक्ति द्वारा अनजाने में दायर किया गया था. रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके सभी हितधारकों को ऑपरेशन सिंदूर पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है, जो पाहलगाम में एक पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवादी हमले के जवाब में आया था. ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद की बुराई के खिलाफ भारत की असंबद्ध लड़ाई में हमारे बहादुर सशस्त्र बलों की गर्व उपलब्धि है. रिलायंस आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी सरकार और सशस्त्र बलों के समर्थन में पूरी तरह से खड़ा है. ‘इंडिया फर्स्ट’ के आदर्श वाक्य के प्रति प्रतिबद्धता अटूट है.
पहलगाम हमले के बाद भारत की सैन्य कार्रवाई
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों के मारे जाने के दो सप्ताह बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की. इस मिशन को “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया गया. मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात को किए गए इस हमले में कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख केंद्र मुरीदके भी शामिल थे.
ऑपरेशन सिंदूर के पांच दावेदार
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अलावा, पांच अन्य व्यक्तियों ने भी इस शब्द पर ट्रेडमार्क का दावा पेश किया है.
- मुकेश चेतराम अग्रवाल
- ग्रुप कैप्टन (सेवानिवृत्त) कमल सिंह ओबेर
- आलोक कोठारी
- जयराज टी
- उत्तम
इन सभी ने ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द को अपने नाम से रजिस्टर्ड कराने की मांग की है.
इसे भी पढ़ें: India Attack Pak: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर बढ़ी चौकसी, एक-एक लोगों की हो रही थंब प्रिंट जांच
भावनात्मक अपील और ब्रांडिंग की संभावना
विशेषज्ञों के अनुसार, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शब्द की भावनात्मक और राष्ट्रवादी अपील इसे एक शक्तिशाली ब्रांडिंग टूल बना सकती है. यही कारण है कि विभिन्न संस्थाएं और व्यक्ति इसे अपने नाम से जोड़ने की कोशिश में लगे हैं. अब देखना यह होगा कि कानूनी रूप से किसे इस ट्रेडमार्क पर अधिकार मिलता है और इसका प्रयोग किस प्रकार के व्यावसायिक या सामाजिक उद्देश्य के लिए किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें: Operation Sindoor: भारत के ड्रोन हमले से रावलपिंडी स्टेडियम तबाह, PSL का मैच रद्द; मची अफरा-तफरी
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.