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पाकिस्तान का कर्जा डांस: दुनियाभर से उधार, फिर भी बेकार!

Pakistan Debt: पाकिस्तान दुनियाभर से कर्ज लेकर भी आर्थिक संकट से नहीं उबर पाया है. चीन, सऊदी अरब, यूएई, कतर, आईएमएफ और विश्व बैंक जैसे स्रोतों से अरबों डॉलर की मदद लेने के बावजूद उसकी अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. बढ़ता विदेशी कर्ज, महंगाई और मुद्रा संकट पाकिस्तान के लिए दीर्घकालिक चुनौती बन गए हैं.

Pakistan Debt: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से वित्तीय संकटों से जूझ रही है और यह कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से कर्ज और सहायता लेकर अपनी आर्थिक जरूरतें पूरी कर रहा है. मुख्य रूप से, पाकिस्तान को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले देशों में चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), और कतर शामिल हैं. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसे संस्थान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. दुनिया भर से कर्जा लेकर अपनी अर्थव्यवस्था चलाने वाला पाकिस्तान आज भारत पर आंखें तरेर रहा है. आइए, जानते हैं कि उसने किन-किन देशों से कितना कर्ज लिया हुआ है और देनदारी कितनी है.

चीन से उधारी

पाकिस्तान का सबसे बड़ा वित्तीय सहयोगी चीन है. वह उसे बराबर पैसा देता रहा है. विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं के माध्यम से उसने पाकिस्तान को खूब पैसा दिया है. 2024 में पाकिस्तान ने चीन से 10 अरब युआन (लगभग 1.4 अरब डॉलर) का अतिरिक्त कर्ज मांगा, जबकि पहले से ही वह 30 अरब युआन की व्यापार सुविधा का इस्तेमाल कर चुका है. हालांकि, चीन ने कई बार कर्ज सीमा बढ़ाने के पाकिस्तान के अनुरोधों को मानने से इनकार कर दिया है.

सऊदी अरब से सहायता

सऊदी अरब ने परंपरागत रूप से पाकिस्तान को भारी वित्तीय सहायता दी है. 2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 20 बिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया. हाल के वर्षों में, सऊदी अरब ने सीधे पैसा देने के बजाय निवेश पर ध्यान केंद्रित किया है और वह आईटी, खनिज और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश कर रहा है.

यूएई और कतर से उगाही

यूएई ने 2020 में छोटे और मझोले उद्यमों के लिए 20 करोड़ डॉलर की सहायता दी. कतर भी समय-समय पर वित्तीय सहायता प्रदान करता रहा है. 2019 में सऊदी अरब, यूएई और कतर ने संयुक्त रूप से 16 अरब डॉलर के कर्ज का हिस्सा प्रदान किया.

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आईएमएफ और विश्व बैंक

आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 2024 में 7 अरब डॉलर का कर्ज स्वीकृत किया, जिसमें जलवायु परिवर्तन के लिए 1.3 अरब डॉलर शामिल हैं. विश्व बैंक भी नियमित रूप से आर्थिक विकास के लिए सहायता देता है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को इन देशों और संस्थानों की सहायता से अल्पकालिक स्थिरता मिलती है, लेकिन बढ़ता कर्ज, महंगाई और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी दीर्घकालिक चुनौतियां बनी हुई हैं.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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