Pakistan Share Market: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का असर सिर्फ बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के शेयर बाजारों पर भी साफ देखा जा सकता है. एक तरफ है भारत की मजबूत और भरोसेमंद अर्थव्यवस्था, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की लड़खड़ाती फाइनेंशियल हालत. पिछले दो हफ्तों के आंकड़े ये कहानी बड़ी साफ़गोई से बयां कर रहे हैं.
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान की मार्केट में हड़कंप
22 अप्रैल 2025 के बाद से हालात तेजी से बदले. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की शुरुआत की.
- इंडस वॉटर ट्रीटी को सस्पेंड किया गया
- पाकिस्तान से आने वाले पार्सल और सामान पर बैन लगाया गया
- 7 मई को भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया
इस पूरी सीरीज के दौरान पाकिस्तान स्टॉक मार्केट यानी कराची इंडेक्स में 6% से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई, जबकि भारत का Nifty 50 करीब 1% की बढ़त के साथ बंद हुआ.
पाकिस्तान की हालत क्यों है खराब?
पाकिस्तान की मार्केट गिरावट का बड़ा कारण उसकी कमज़ोर अर्थव्यवस्था है.
- IMF के बेलआउट पर निर्भरता
- फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व कम होना
- बेरोज़गारी, महंगाई और कमजोर प्रशासन
विदेशी निवेशकों का लगातार पलायन
कराची स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम है, जिससे थोड़ी सी नकारात्मक खबर भी बड़े उतार-चढ़ाव का कारण बन जाती है.
मूडीज़ की चेतावनी: “तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था टूट जाएगी”
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी Moody’s ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है. “अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव लंबे समय तक जारी रहता है तो पाकिस्तान की आर्थिक रिकवरी रुक जाएगी. IMF से मिली राहत भी नाकाफी साबित हो सकती है.” वहीं भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया.”भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी. मजबूत ग्रोथ, सरकारी निवेश और निजी खपत इसके सहारे बनेंगे.” पिछले 15 दिनों में भारत में ₹43,940 करोड़ का FII निवेश आया है, जो बाजार को सपोर्ट देने में बेहद अहम रहा. वहीं पाकिस्तान से विदेशी निवेशकों ने तेजी से पैसे निकाले हैं.
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