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Paytm Payment Bank ने येस बैंक के अकाउंट से ट्रांजेक्शन पर लगायी रोक, यूजर्स को दिये बैंक बदलने की सलाह

आरबीआई द्वारा येस बैंक पर रोक लगाये जाने के बाद उसके खाताधारकों में इस समय अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है, तो ऑनलाइन लेनदेन करने वाली कंपनियों ने भी उससे नाता तोड़ना शुरू कर दिया है. ऑनलाइन धड़ल्ले से डिजिटल पेमेंट करने वाले पेटीएम पेमेंट बैंक ने शुक्रवार को येस बैंक से रिश्ता तोड़ते हुए उसके खाताधारक अपने यूजर्स के लेनदेन पर रोक लगा दी है.

नयी दिल्ली : पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) ने शुक्रवार को नकदी संकट से जूझ रहे येस बैंक के खातों से लेनदेन को रोक लगा दी है. इसमें यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से किये जाने वाले लेनदेन भी शामिल हैं. पीपीबीएल ने येस बैंक को लेकर रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद यह फैसला किया. एक दिन पहले रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की थी. रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया. इसके साथ ही, एसबीआई के पूर्व उपप्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

पीपीबीएल ने एक बयान में कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) ने आज (शुक्रवार) घोषणा की कि वह अपने यूजर्स के पैसों की सुरक्षा के लिए यूपीआई सहित येस बैंक के खातों से लेनदेन को प्रतिबंधित कर रहा है. बयान में कहा गया कि चूंकि यस बैंक पर आधारित तीसरे पक्ष के ऐप भी प्रभावित हुए हैं, इसलिए यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ग्राहक यूपीआई पर लेनदेन करने के लिए अन्य यूपीआई ऐप का उपयोग करना जारी रख सकते हैं. पेटीएम के ग्राहक पहले की तरह बिना किसी रुकावट के पेटीएम यूपीआई और वॉलेट सेवा का उपयोग कर सकेंगे.

पीपीबीएल के प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश गुप्ता ने कहा कि हमारे यूजर्स के पैसों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे जरूरी है. हमने येस बैंक के खातों से सभी तरह के लेनदेन को रोक दिया है, ताकि रकम फंसे नहीं. हम यूजर्स से यह अनुरोध भी कर रहे हैं कि वे अपने मुख्य बैंक खाते को किसी अन्य बैंक में बदल लें. हालांकि, ये प्रतिबंध अस्थायी है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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