Petrol-Diesel Price: सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ₹2 प्रति लीटर बढ़ा दी है. मतलब सरकार अब हर लीटर पर दो रुपये ज़्यादा कमाएगी. लेकिन आम जनता को फिलहाल डरने की जरूरत नहीं, क्योंकि पेट्रोल पंप पर कीमतें जस की तस रहने वाली हैं.
दुनिया में उबाल, यहां टैक्स कमाल
ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब दुनियाभर में तेल के दाम झूले झूल रहे हैं—कभी ऊपर, कभी नीचे. ऊपर से अमेरिका वाले ट्रंप साहब भी तमाम टैरिफ लगा रहे हैं, जिससे बाज़ार में हलचल तेज़ है. सरकार ने भी सोचा—”अब जब इंटरनेशनल प्राइस गिर रहे हैं, तो एक्साइज बढ़ा लो. जनता को झटका नहीं लगेगा और खजाना भी भर जाएगा.”
Central Government raises excise duty by Rs 2 each on petrol and diesel: Department of Revenue notification pic.twitter.com/WjOiv1E9ch
— ANI (@ANI) April 7, 2025
पब्लिक बोले—”प्राइस तो वही है”, सरकार बोले—”हां, फिलहाल
हालांकि ऑर्डर में ये नहीं बताया गया कि पेट्रोल-डीजल के रेट कब और कितना बढ़ेंगे, लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा “घबराओ मत, दाम नहीं बढ़ेंगे.” क्यों?क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव नीचे चल रहे हैं, तो इस ड्यूटी इज़ाफे को वहीं बैलेंस कर दिया गया है.
PSU Oil Marketing Companies have informed that there will be no increase in retail prices of #Petrol and #Diesel, subsequent to the increase effected in Excise Duty Rates today.#MoPNG
— Ministry of Petroleum and Natural Gas #MoPNG (@PetroleumMin) April 7, 2025
शेयर बाजार में तेल कंपनियों का हाल बेहाल
एक तरफ सरकार एक्साइज बढ़ा रही है, दूसरी ओर शेयर बाजार में तेल कंपनियों की सांस अटकी हुई है. सोमवार को BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर गिरावट का आलम ये रहा.
- रिलायंस इंडस्ट्रीज़: ₹1170.95 पर बंद (2.80% की गिरावट)
- इंडियन ऑयल: ₹128 पर बंद (1.65% की गिरावट)
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम: ₹348.20 पर बंद (2.75% की गिरावट)
- भारत पेट्रोलियम: ₹275.65 पर बंद (1.34% की गिरावट)
सीधी बात—निवेशकों को डर सता रहा है कि सरकार टैक्स बढ़ा रही है, तो मार्जिन पर असर पड़ेगा.
सरकार का खेल समझो…
एक्साइज ड्यूटी सरकार के लिए कमाई का सबसे आसान और भरोसेमंद जरिया है. जब भी रेवेन्यू की ज़रूरत होती है, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ा दो. इससे फायदा ये होता है.
- जनता को सीधे चोट नहीं लगती (अगर कीमतें कंट्रोल में हों)
- सरकारी खजाने में अच्छा-खासा पैसा आ जाता है
- बजट में भी दिखता है कि सरकार ‘राजस्व’ बढ़ा रही है
अब आगे क्या?
अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि क्या अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें और गिरेंगी या फिर ऊपर जाएंगी. अगर दाम बढ़े तो शायद सरकार को ये ₹2 का टैक्स बोझ जनता पर डालना पड़े. और अगर दाम ऐसे ही नीचे रहे, तो फिलहाल राहत बनी रहेगी.
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