Raghuram Rajan: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से लगभग 60 देशों पर लगाया गया जवाबी शुल्क (Reciprocal Tariffs) उल्टा पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इस फैसले का भारत पर सीमित प्रभाव पड़ेगा, जबकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर इसका अधिक असर होगा.
अमेरिका ने भारत पर 27% शुल्क लगाया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए 5 अप्रैल से 10% और 9 अप्रैल से 27% तक अतिरिक्त आयात शुल्क लागू करने की घोषणा की है. हालांकि, फार्मा, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा उत्पादों को इस शुल्क से छूट दी गई है.
रघुराम राजन ने कहा, अमेरिका को होगा ज्यादा नुकसान
शिकागो बूथ बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर रघुराम राजन ने कहा कि अमेरिकी शुल्क नीति से भारत की निर्यात मांग घटेगी, जिससे कुछ सेक्टर्स प्रभावित हो सकते हैं. लेकिन, चूंकि अमेरिका ने यह शुल्क कई देशों पर एक साथ लगाया है, इसलिए भारत को प्रतिस्पर्धा में फायदा मिलेगा. राजन के मुताबिक, अमेरिका में उत्पादों की कीमतें बढ़ने से उपभोक्ताओं की मांग घटेगी. भारत का निर्यात कम होगा, लेकिन घरेलू आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे महंगाई पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा. भारत को चीन, यूरोप, आसियान और अफ्रीकी देशों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत करने चाहिए.
क्या भारत इस संकट को अवसर में बदल सकता है?
रघुराम राजन ने सुझाव दिया है कि भारत को अपने व्यापार शुल्क कम करने चाहिए, ताकि उसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिले. इसके साथ ही, दक्षिण एशिया (SAARC) में मजबूत व्यापारिक साझेदारी बनाने की जरूरत है.
जवाबी शुल्क से संबंधित जरूरी बातें
- डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 27% जवाबी शुल्क लगाया.
- रघुराम राजन के अनुसार, इससे अमेरिका को ज्यादा नुकसान होगा.
- भारत पर असर सीमित रहेगा, क्योंकि घरेलू आपूर्ति बढ़ने से महंगाई नहीं बढ़ेगी.
- भारत को यूरोप, आसियान और अफ्रीका के साथ व्यापार मजबूत करना चाहिए.
- दक्षिण एशियाई देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने पर ध्यान देना होगा.
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अमेरिकी अर्थव्यवस्था को होगा नुकसान
ट्रंप प्रशासन का यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. भारत को इस स्थिति में स्मार्ट ट्रेड नीतियां अपनाकर अपने वैश्विक व्यापार को और मजबूत करना चाहिए.
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