Raghuram Rajan: रघुराम राजन, RBI के पूर्व गवर्नर ने अमेरिका के लिए एक चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर राजनीति की वजह से विदेशी छात्रों का अमेरिका आना बंद हो गया, तो इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि विदेशी छात्र हमेशा से ही अमेरिका में नए विचारों और आर्थिक तरक्की का एक बड़ा कारण रहे हैं. 2023-2024 में 11 लाख से ज्यादा विदेशी छात्र अमेरिका गए, जिनमें सबसे ज्यादा भारत और फिर चीन के छात्र थे.
नौकरियों पर पड़ सकता है असर
नवभारत टाइम्स के रिपोर्ट्स के अनुसार, राजन ने आगाह किया है कि विदेशी छात्रों की संख्या में कमी से नौकरियों पर असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि गूगल जैसी बड़ी कंपनियां हजारों लोगों को रोजगार देती हैं, और इसकी वजह है वैश्विक टैलेंट की उपलब्धता. उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी दूतावासों को विदेशी छात्रों के वीजा इंटरव्यू रोकने का आदेश दिया है ताकि वीजा के लिए अप्लाई करने वाले लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच कर सके. ऐसा कर उन्होंने स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
आर्थिक विकास की बड़ी वजह विदेशी छात्र
ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा कि विदेशी छात्र लंबे समय से अमेरिका में इनोवेशन और आर्थिक विकास की बड़ी वजह रहे हैं, लेकिन मौजूदा नीतियों के चलते यह लाभ खत्म हो सकता है. उन्होंने जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को सामने आकर यह बताना चाहिए कि वे अमेरिका की तरक्की में कितनी अहम भूमिका निभाते हैं. रघुराम राजन ने गूगल के सह-संस्थापक सर्गेई ब्रिन का उदाहरण देते हुए कहा कि वे एक विदेशी छात्र के तौर पर अमेरिका आए और देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दिया. राजन ने जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को यह दिखाना चाहिए कि विदेशी छात्र अमेरिका की तरक्की में कितने अहम हैं और कैसे उनका योगदान आम लोगों तक पहुंचता है.
रघुराम राजन ने ट्रंप को क्यों किया आगाह
राजन की चेतावनी की बड़ी वजह व्हाइट हाउस और अमेरिकी विश्वविद्यालयों के बीच बढ़ता टकराव है. यह विवाद पहले हार्वर्ड और कोलंबिया जैसे प्रमुख संस्थानों में यहूदियों के खिलाफ बातों को लेकर शुरू हुआ था, लेकिन अब यह मुद्दा धीरे-धीरे पूरे शिक्षा तंत्र पर गहरे हमले में बदलता जा रहा है.
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