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Manmohan Singh: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा और पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि

Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात करीब 10 बजे 92 साल की उम्र में निधन हो गया. इससे पूरा देश शोकाकुल है. मनमोहन सिंह वित्त मंत्री बनने से पहले आरबीआई के गवर्नर भी थे. आरबीआई में अपने कार्यकाल के दौरान से ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को एक दिशा देना शुरू कर दिया था.

Manmohan Singh: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी. गुरुवार की रात करीब 10 बजे दिल्ली के एम्स में मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 1982 से 1985 के बीच आरबीआई के गवर्नर भी रहे थे.

दूरदर्शी अर्थशास्त्री थे मनमोहन सिंह: संजय मल्होत्रा

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”मैं पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन से बेहद दुखी हूं. वह एक दूरदर्शी अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर थे. भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में उनके योगदानों ने अमिट छाप छोड़ी है. आरबीआई इस शोकाकुल घड़ी में देश के साथ है.”

रघुराम राजन ने भी जताया शोक

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें एक प्रतिभाशाली अर्थशास्त्री करार दिया. उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के पास भारत की संभावनाओं के बारे में दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ-साथ राजनीतिक व्यवहार्यता की अच्छी समझ भी थी.

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मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखी: रघुराम राजन

रघुराम राजन ने कहा, ” मनमोहन सिंह एक बेहतरीन अर्थशास्त्री थे. उन्हें इस बात की भी अच्छी समझ थी कि राजनीतिक रूप से क्या संभव है. प्रधानमंत्री नरसिंह राव के सहयोग से उन्होंने जो उदारीकरण और सुधार किए, उससे उन्होंने आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव रखी.”

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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