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क्रिप्टोकरेंसी से देश को खतरा! आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने दी कड़ी चेतावनी

Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इसका अनियंत्रित विस्तार वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति को प्रभावित कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी क्रिप्टो को हवाला जैसे अवैध व्यापार से जोड़ा है और केंद्र से स्पष्ट नीति की मांग की है. भारत में फिलहाल क्रिप्टो पर कोई कानून नहीं है, लेकिन टैक्स और धनशोधन कानून के तहत इसे देखा जा रहा है. सरकार एक नीति दस्तावेज पर काम कर रही है.

Cryptocurrency: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर गंभीर चिंता जताई. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तकनीक के अनियंत्रित विकास से वित्तीय स्थिरता और मौद्रिक नीति दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने यह बयान दिया.

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

यह सवाल उस पृष्ठभूमि में पूछा गया था, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट और ठोस नीति बनाने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा था कि क्रिप्टो का इस्तेमाल हवाला कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार में हो सकता है. कोर्ट ने इसके आर्थिक प्रभावों पर भी जोर दिया था.

सरकारी समिति कर रही है निगरानी

संजय मल्होत्रा ने बताया कि सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति इस पर सतत निगरानी रख रही है. यह समिति क्रिप्टो से जुड़े वैश्विक मानदंडों और नीतियों का मूल्यांकन कर रही है. इसमें आरबीआई, सेबी और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं.

अब तक अवैध नहीं, लेकिन कानून की कमी

भारत में फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर कोई विशिष्ट कानून नहीं है. इसका अर्थ यह है कि यह न तो वैध है और न ही अवैध, बल्कि एक अनियमित क्षेत्र में है. सरकार एक चर्चा पत्र पर काम कर रही है, जो नीति निर्धारण से पहले हितधारकों की राय को आमंत्रित करेगा.

कर लगाए गए, लेकिन वैधता अब भी संदिग्ध

सरकार ने 2022 में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% कर लगाने की घोषणा की थी. इसके अलावा, टीडीएस और जीएसटी भी इन लेन-देन पर लागू हैं. हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन पर कर लगाना इन्हें वैध ठहराने जैसा नहीं है.

धनशोधन रोधी कानून के दायरे में क्रिप्टो

भारत में क्रिप्टो संपत्तियों को अभी केवल धनशोधन रोधी कानून (PMLA) के नजरिए से देखा जा रहा है. इसका मतलब है कि क्रिप्टो से संबंधित गतिविधियों की निगरानी, वित्तीय अपराधों को रोकने के लिए की जा रही है.

2018 के प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति

6 अप्रैल 2018 को आरबीआई ने बैंकों और अन्य संस्थाओं को क्रिप्टो से जुड़े लेन-देन से रोकने के लिए परिपत्र जारी किया था. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2021 को इस सर्कुलर को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया.

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क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में स्थिति स्पष्ट नहीं

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है. आरबीआई और सुप्रीम कोर्ट की चिंताएं इसे गंभीर बनाती हैं. ऐसे में अब जरूरी है कि सरकार जल्द से जल्द एक ठोस और पारदर्शी नीति बनाए, ताकि निवेशकों और अर्थव्यवस्था दोनों को जोखिम से बचाया जा सके.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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