24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राजस्व बढ़ा, तो राजकोषीय घाटा हुआ कम, 2021-22 में 6.71 प्रतिशत पर रहा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत एक फरवरी को बजट पेश करते समय अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रहेगा.

नयी दिल्ली: वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.71 प्रतिशत रहा. यह 6.9 प्रतिशत के संशोधित बजट अनुमान से कम है. मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में राजकोषीय मोर्चे पर प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहने की जानकारी दी गयी. सरकार ने पहले वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था, जिसे बाद में संशोधित कर 6.9 प्रतिशत कर दिया गया था.

महालेखा नियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए वास्तविक रूप में राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रुपये रहा है, जो जीडीपी का 6.7 प्रतिशत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गत एक फरवरी को बजट पेश करते समय अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.9 प्रतिशत रहेगा.

आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 प्रतिशत रहा. वित्त वर्ष में कर प्राप्तियां 18.2 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि इसका संशोधित अनुमान 17.65 लाख करोड़ रुपये का था. कुल व्यय भी 37.7 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से अधिक 37.94 लाख करोड़ रुपये रहा. सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले महीने यानी अप्रैल 2022 में राजकोषीय घाटा समूचे वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 4.5 प्रतिशत रहा.

Also Read: GDP Growth Rate: जीडीपी में 8.7 फीसदी की वृद्धि, चौथी तिमाही में 4 फीसदी रही वृद्धि दर

एक साल पहले अप्रैल 2021 में राजकोषीय घाटा 5.2 प्रतिशत रहा था. सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 16.61 लाख करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. अप्रैल के महीने में 591 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष देखा गया. सरकार अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई बाजार से उधारी जुटाकर करती है.

इन आंकड़ों पर टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के साझेदार विवेक जालान ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व संग्रह 22 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से करीब 5 लाख करोड़ रुपये अधिक रहा. यह वर्ष 2020-21 के राजस्व संग्रह से करीब 35 प्रतिशत अधिक है. रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि राजस्व संग्रह बेहतर होने और कम पूंजीगत व्यय के कारण केंद्र का राजकोषीय घाटा संशोधित अनुमान से बेहतर रहा है.

वर्ष 2022-23 के परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटा 16.6 लाख करोड़ रुपये पर सीमित रखने की राह में कई जोखिम हैं. उत्पाद शुल्क में कटौती, रिजर्व बैंक से मिलने वाले अधिशेष में कमी और खाद्य, उर्वरक एवं एलपीजी सब्सिडी पर बोझ बढ़ने जैसी चुनौतियां मौजूद हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel