Rule Change: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. 1 अप्रैल से उन वाहनों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी, जिनके पास यह प्रमाण नहीं होगा कि वे पर्यावरण को प्रदूषित नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं, ऐसे वाहन अगर ईंधन भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर पहुंचते हैं, तो उन्हें ईंधन भी नहीं दिया जाएगा.
PUC प्रमाणपत्र अनिवार्य
वर्तमान में दिल्ली के कुछ पेट्रोल पंपों पर सरकार द्वारा अधिकृत परीक्षण कक्ष (Testing Cabins) मौजूद हैं, जो पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र जारी करते हैं. वाहन मालिकों को हर साल अपनी गाड़ी की जांच करवाकर PUC प्रमाणपत्र नवीनीकृत कराना जरूरी होता है.अब इस व्यवस्था को और अधिक सख्त बनाने के लिए दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों पर एक विशेष उपकरण लगाया जा रहा है. यह उपकरण उन वाहनों की पहचान करेगा जिनका PUC प्रमाणपत्र समाप्त हो चुका है. ऐसे वाहनों को ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा.
दिल्ली में करीब 500 पेट्रोल पंप हैं, जहां यह प्रणाली लागू की जा रही है. जब कोई ऐसा वाहन जो उत्सर्जन (Emission )मानकों का पालन नहीं करता, ईंधन भरवाने पहुंचेगा, तो सिस्टम उसे “डिफॉल्टर” घोषित करेगा और पेट्रोल पंप का स्टाफ उस वाहन को ईंधन देने से इनकार कर देगा.
कैसे होगी पहचान?
यह नई प्रणाली एक केंद्रीय डेटाबेस (Central Database) से जुड़ी है, जो गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर वाहन की स्थिति की जांच करेगा. यदि वाहन का PUC प्रमाणपत्र समाप्त हो चुका है, तो पेट्रोल पंप कर्मियों को इसकी सूचना दे दी जाएगी.
फिलहाल इस प्रणाली को निम्न पेट्रोल पंपों पर किया गया है:
- Veejay Service Station, कालिदास मार्ग
- Angra HP Centre, विनय मार्ग, नेहरू पार्क के सामने, चाणक्यपुरी
- Anup Service Station, प्लॉट नंबर 10, डीडीए कम्युनिटी सेंटर, अलकनंदा
- Ugra Sain and Sons, वेलकम मेट्रो स्टेशन के सामने, शाहदरा
- Qutab Service Station, महरौली रोड
- Intimate Service Station, पंचशील पार्क
15 साल पुराने वाहनों पर खास नजर
दिल्ली सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा. पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने कहा कि ऐसे वाहनों की पहचान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम पेट्रोल पंपों पर ऐसे उपकरण स्थापित कर रहे हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की पहचान करेगा और उन्हें ईंधन देने से मना किया जाएगा.” गौरतलब है कि दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पहले से ही एक नीति लागू है, जिसके तहत 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन सड़कों पर नहीं चल सकते.
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