Mehul Choksi: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बड़ा झटका दिया है. सेबी ने गीतांजलि जेम्स लिमिटेड में इनसाइडर ट्रेडिंग (भेदिया कारोबार) नियमों के उल्लंघन के मामले में चोकसी को 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान करने का नोटिस भेजा है. नियामक ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो उसकी संपत्ति और बैंक खाते कुर्क कर लिए जाएंगे.
जुर्माना और ब्याज का विवरण
SEBI ने इस नोटिस में चोकसी को 1.5 करोड़ रुपये के जुर्माने के साथ-साथ 60 लाख रुपये का ब्याज भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह कार्रवाई जनवरी 2022 में सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने की अदायगी न करने के कारण की गई है. सेबी ने अपने आदेश में चोकसी को एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित भी किया था.
इनसाइडर ट्रेडिंग का गंभीर आरोप
महुल चोकसी पर आरोप है कि उन्होंने गीतांजलि जेम्स की गोपनीय और संवेदनशील सूचना (UPSI) राकेश गिरधरलाल गजेरा को दी थी. इसके आधार पर गजेरा ने दिसंबर 2017 में अपनी 5.75% हिस्सेदारी बाजार में बेच दी, ताकि संभावित नुकसान से बचा जा सके। यह सूचना उस समय से जुड़ी थी, जब गीतांजलि समूह द्वारा पीएनबी से धोखाधड़ी से गारंटी पत्र (LOU) लेने का खुलासा होने वाला था.
PNB घोटाले से जुड़ी है चोकसी की भूमिका
मेहुल चोकसी, गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ-साथ कंपनी के प्रमोटर ग्रुप से भी जुड़े थे। वह नीरव मोदी के मामा हैं और दोनों पर पंजाब नेशनल बैंक से 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। यह घोटाला 2018 की शुरुआत में उजागर हुआ, जिसके बाद दोनों भारत से फरार हो गए।
बेल्जियम में गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण प्रयास
भारत छोड़ने के बाद चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली और वहीं बस गया. हालांकि, इलाज के बहाने वह बेल्जियम गया था, जहां से पिछले महीने उसे गिरफ्तार किया गया. भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण के लिए आधिकारिक अनुरोध भेजा है और कानूनी प्रक्रिया जारी है. दूसरी ओर, नीरव मोदी को मार्च 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया था और वह अब ब्रिटेन में जेल में बंद है.
सेबी की सख्त चेतावनी: होगी कुर्की और गिरफ्तारी
सेबी ने स्पष्ट किया है कि अगर मेहुल चोकसी 15 दिन के भीतर राशि का भुगतान नहीं करता, तो उसकी चल-अचल संपत्तियों को जब्त कर बेचा जाएगा. इसके अलावा, उसके बैंक खाते भी सीज किए जाएंगे और आवश्यक होने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जा सकती है.
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धोखाधड़ी के खिलाफ मजबूत कदम
भारतीय नियामक एजेंसियां अब आर्थिक अपराधियों के खिलाफ और ज्यादा सख्त रुख अपना रही हैं. मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े कारोबारी के खिलाफ यह कदम ना सिर्फ निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि बाजार में न्याय और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा.
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