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सरकार क्यों नहीं जारी करना चाहती सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त, किसका सता रहा है डर?

SGB ​​Scheme: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की एक योजना है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जारी करने के लिए सरकार आरबीआई को निर्देश देती है. सरकार के निर्देश के बाद आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जारी करने की तारीख और सब्सक्रिप्शन की लास्ट डेट का ऐलान करता है.

SGB Scheme: सोना में निवेश करने वाले निवेशक लंबे अरसे से सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की नई किस्त जारी होने का इंतजार कर रहे हैं. मगर, चालू वित्त वर्ष 2024-25 के सात महीने गुजर जाने के बाद भी सरकार इसे जारी नहीं कर रह रही है. सरकार की इस लेटलतीफी से सरकार की इस स्वर्ण योजना में निवेश करने वाले छोटे से लेकर बड़े निवेशक सवाल खड़े कर रहे हैं. वे पूछ रहें हैं कि आखिर, सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त जारी क्यों नहीं करना चाहती. उसे किस बात का डर सता रहा है. आइए, जानते हैं कि सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की नई किस्त जारी क्यों नहीं करना चाहती.

सरकार क्यों नहीं जारी करना चाहती गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त

हिंदी के अखबार नवभारत टाइम्स की वेबसाइट और हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (एसजीबी स्कीम) बाजार से पैसा जुटाने का महंगा उपकरण है. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए सरकार की ओर से जारी किए गए उधारी वाले कैलेंडर में कहीं भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना का जिक्र नहीं किया गया है. अधिकारी का कहना है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना कोई सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी नहीं है, जिसे जारी किया जाए.

ब्याज की रकम जारी करने में सरकार कर रही देर

सरकार की इस स्वर्ण योजना के परिपक्व होने पर निवेशकों को कागजी तौर पर जमा सोने की कीमत वर्तमान बाजार भाव से मिलता है. इसके अलावा, निवेश की ओर से खरीदे गए सोने के एवज में सरकार की ओर से ब्याज दिया जाता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने पर निवेशक को फिलहाल 2.5% सालाना ब्याज दिया जा रहा है. ब्याज की राशि का भुगतान प्रत्येक छह महीने पर की जाती है. अभी सरकार की ओर से निवेशकों की ब्याज की रकम जारी करने में ही देर हो रही है.

क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने वालों को सरकार की ओर से एक सर्टिफिकेट दिया जाता है. इस सर्टिफिकेट को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जारी करने के लिए सरकार आरबीआई को निर्देश देती है. सरकार के निर्देश के बाद आरबीआई सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जारी करने की तारीख और सब्सक्रिप्शन की लास्ट डेट का ऐलान करता है. सरकार की इस योजना की खासियत यह थी कि कोई भी निवेशक 1 ग्राम से 1 किलो सोने की खरीद कर सकता है.

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सरकार कब लाई थी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत 17 नवंबर 2016 को की थी. इस योजना को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लॉन्च किया था. सरकार की ओर से इस योजना की अंतिम किस्त 21 फरवरी 2023 में जारी की गई थी. इसके बाद से अब तक सरकार ने इसकी एक भी किस्त को जारी नहीं किया है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जारी की गई गोल्ड बॉन्ड की आखिरी किस्त के जरिए करीब 27,031 करोड़ रुपये यानी 44.34 टन सोना जुटाए थे.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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