Share Market: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली. निवेशकों के लिए यह दिन एक ‘ब्लैक फ्राइडे’ की तरह रहा, जब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक लाल निशान में खुलकर भारी नुकसान में चले गए. इस गिरावट की मुख्य वजह बनी—मध्य पूर्व में बढ़ता भू-राजनीतिक तनाव.
शुरुआती कारोबार में बड़ी गिरावट
शुक्रवार सुबह जैसे ही बाजार खुले, निफ्टी 415.20 अंकों की गिरावट के साथ 24,473.00 पर पहुंच गया, यानी 1.67% की गिरावट. वहीं, बीएसई सेंसेक्स 1262.44 अंक गिरकर 80,429.54 पर पहुंच गया, यानी 1.55% की गिरावट दर्ज की गई.
इजरायल-ईरान संघर्ष ने बढ़ाया जोखिम
इस भारी गिरावट की मुख्य वजह बनी इजरायल द्वारा ईरान पर किया गया सैन्य हमला. यह हमला शुक्रवार तड़के हुआ, जिससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात बन गए. अमेरिका ने इस कार्रवाई को “एकतरफा सैन्य कदम” करार दिया और ईरान को चेतावनी दी कि वह अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी हमला न करे.
वैश्विक बाजारों में भी हड़कंप
इस तनावपूर्ण माहौल का असर न सिर्फ भारत पर बल्कि दुनियाभर के बाजारों पर पड़ा. अमेरिकी फ्यूचर्स और प्रमुख एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली. निवेशकों में डर का माहौल है और वे जोखिम वाले निवेश से दूरी बना रहे हैं.
Share Market विशेषज्ञों की राय
बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने कहा, “मध्य पूर्व में हालात तेजी से बदल रहे हैं. अगर ईरान पर्सियन गल्फ के तेल आपूर्ति मार्गों को बाधित करता है, तो कच्चे तेल की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं. आज हम क्लासिकल ‘रिस्क-ऑफ’ ट्रेंड देख रहे हैं—शेयर नीचे, गोल्ड ऊपर, क्रिप्टो नीचे और बॉन्ड यील्ड भी गिर रही हैं.”
सेक्टोरल इंडेक्स में भारी बिकवाली
NSE पर लगभग सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली:
- निफ्टी ऑटो: 2% से अधिक गिरा
- निफ्टी IT: 1.87% की गिरावट
- निफ्टी मेटल और मीडिया: 1.77% नीचे
- निफ्टी फार्मा: 1.3% की गिरावट
- निफ्टी पीएसयू बैंक: 1.86% गिरा
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी असर
- निफ्टी मिडकैप: 1.69% गिरा
- निफ्टी स्मॉलकैप: 1.87% की गिरावट
एविएशन सेक्टर को तगड़ा झटका
गुरुवार को एयर इंडिया का एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसका असर एविएशन स्टॉक्स पर भी दिखा:
- इंडिगो: 5% से ज्यादा गिरावट
- स्पाइसजेट: 3.65% नीचे
- अमेरिका में बोइंग के शेयर: 4.79% गिरे
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के भू-राजनीतिक संकटों के चलते बाजार में शॉर्ट टर्म गिरावट तो आती है, लेकिन अगर हालात ज्यादा नहीं बिगड़ते तो रिकवरी भी उतनी ही तेजी से हो सकती है. हालांकि, कच्चे तेल की आपूर्ति और क्षेत्रीय युद्ध की आशंका के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव अभी बना रहेगा.
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