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भारत की वह कंपनी जो आजादी के क्रांति से जन्मी, आज बन गई है देश का सबसे बड़ा ब्रांड

Shreeleathers एक ऐसी भारतीय कंपनी है जिसकी नींव आजादी की क्रांति के दौर में रखी गई थी. जमशेदपुर से शुरू होकर यह ब्रांड आज सस्ते, टिकाऊ और भरोसेमंद जूतों के लिए देशभर में जाना जाता है. यह आत्मनिर्भर भारत की सोच का जीवंत उदाहरण है.

Shreeleathers: जिस ब्रांड को आज लोग भरोसे के नाम से जानते हैं, उसका जन्म एक जोड़ी जूते के इरादे से हुआ था. ब्रांड का नाम है Shreeleathers, और इसकी शुरुआत हुई थी आज से करीब 95 साल पहले. ये सिर्फ कारोबार की शुरुआत नहीं थी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की सोच का पहला कदम था.

जब आजादी सिर्फ नारा नहीं, जुनून था

साल था 1930. अंग्रेजों की हुकूमत थी. देश आजादी के लिए तड़प रहा था. उन्हीं दिनों एक नाम उभरा था सुरेश चंद्र डे का. वो सिर्फ आजादी के लिए नहीं लड़ रहे थे, वो चाहते थे कि अंग्रेजी सोच को भी जड़ से उखाड़ फेंका जाए. उन्हीं की योजना थी जलालाबाद की घटना, जिसमें अंग्रेजों के आर्थिक ढांचे पर सीधा वार किया गया.

उस वक्त जूता पहनना कोई आम बात नहीं थी. जूते अंग्रेजों और उनके करीबियों के लिए थे. आम लोग, खासकर मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग, जूता पहनने का ख्वाब ही देख सकते थे. लेकिन सुरेश चंद्र डे ने ठान लिया था कि हर भारतीय को सिर ऊंचा करके चलने के लिए एक मजबूत और इज्जतदार जूता मिलना चाहिए.

1952 में शुरू हुई Shreeleathers की कहानी

साल था 1952. जगह थी जमशेदपुर. यहीं पर शुरू हुआ Shreeleathers का पहला छोटा सा स्टोर. मकसद साफ था. देश के हर आदमी को ऐसा जूता देना जो टिकाऊ हो, दिखने में ठीक हो और जेब पर बोझ न बने. कारोबार छोटा था, लेकिन इरादा बड़ा. और यही इरादा कंपनी को धीरे धीरे पूर्वी भारत के बाजार में मजबूत करता गया.

कोलकाता की दुकान जो अब कहानी बन गई है

कहते हैं काम ऐसा करो कि नाम खुद बोलने लगे. Shreeleathers ने यही किया. जब कंपनी ने कोलकाता के न्यू मार्केट इलाके में अपना शोरूम खोला, तो शुरुआत आम सी थी. लेकिन कुछ ही सालों में उस दुकान की पहचान ऐसी बनी कि त्योहारों के मौसम में वहां लगने वाली भीड़ खुद में एक किस्सा बन गई.लोग लाइन में लगते हैं, घंटों इंतजार करते हैं और आखिरकार वहां से जो खरीद कर निकलते हैं, उसमें सिर्फ जूता नहीं होता, एक भरोसा होता है.

देश से लेकर दुनिया तक पहुंच

Shreeleathers अब सिर्फ जूता बनाने वाली कंपनी नहीं रही. अब यह ब्रांड बेल्ट, पर्स, बैग और दूसरी एक्सेसरी भी बनाता है. कोलकाता, पटना, रांची, लखनऊ, दिल्ली, भुवनेश्वर, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में इसके स्टोर हैं. और जिन शहरों में दुकानें नहीं, वहां तक कंपनी की पहुंच है उसकी वेबसाइट और ई कॉमर्स साइट्स के जरिए. Shreeleathers एक ही बात पर टिका है  अच्छी चीज बने, सही दाम में. कंपनी के शब्दों में कहें तो, World Class, Right Price. यही वजह है कि मध्यम वर्गीय परिवारों के बीच इस ब्रांड की पकड़ सबसे मजबूत है.

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Abhishek Pandey
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