24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

SIP: क्या शेयर बाजार की गिरावट से म्यूचुअल फंड बर्बाद हो रहे हैं? जानें, आपका पैसा डूबेगा या बनेगा बड़ा फंड

SIP: शेयर बाजार की गिरावट के कारण म्यूचुअल फंड्स पर असर पड़ रहा है. क्या SIP में लगाया गया पैसा डूब सकता है? एक्सपर्ट्स की राय जानें और सही निवेश रणनीति अपनाएं."

SIP: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन हाल ही में आई गिरावट ने म्यूचुअल फंड निवेशकों को चिंता में डाल दिया है. खासकर, SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में पैसा लगाने वाले निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनका निवेश डूब सकता है? क्या म्यूचुअल फंड्स अब फायदेमंद नहीं रहे? आइए, इसके बारे में जानते हैं.

SIP में निवेश गिरावट में खतरा या मौका?

एसआईपी एक लंबी अवधि की निवेश योजना है, जो बाजार की वोलाटिलिटी यानी अस्थिरता को संभालने के लिए डिजाइन की गई है. जब बाजार गिरता है, तो एसआईपी के माध्यम से निवेशक सस्ते में अधिक यूनिट्स खरीदते हैं, जिससे लॉन्ग टर्म में अधिक लाभ होने की संभावना रहती है.

शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति

  • हाल ही में सेंसेक्स और निफ्टी में 5-10% की गिरावट दर्ज की गई है.
  • विदेशी निवेशकों ने भारी मात्रा में पैसा निकाला है, जिससे म्यूचुअल फंड्स पर दबाव बढ़ा है.
  • वैश्विक बाजारों में भी मंदी के संकेत मिल रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार प्रभावित हो सकता है.

क्या SIP निवेशकों का पैसा डूब सकता है?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि एसआईपी में पैसा “डूबता” नहीं, बल्कि उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरता है. अगर निवेशक घबराकर बीच में निवेश बंद कर देते हैं, तो नुकसान हो सकता है. लेकिन, लंबी अवधि तक निवेश बनाए रखने वाले निवेशकों को फायदा ही होता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

  • निवेश की अवधि लंबी रखें: इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट अजय बग्गा कहते हैं, “एसआईपी में निवेश का असली फायदा तभी मिलता है जब आप कम से कम 5-10 साल तक निवेश बनाए रखें. बाजार गिरने पर घबराने की बजाय इसे खरीदारी के मौके के रूप में देखें.”
  • अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें: ब्रोकरेज फर्म जिरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ कहते हैं, “अगर आप सही फंड्स में निवेश कर रहे हैं, तो बाजार की गिरावट से डरने की जरूरत नहीं. सिर्फ स्मॉल-कैप और हाई-रिस्क फंड्स में अधिक निवेश करने से बचें.”
  • बाजार की गिरावट में ज्यादा यूनिट्स खरीदें: यूटीआई म्यूचुअल फंड की स्वाति कुलकर्णी कहती हैं, “एसआईपी की खूबी यह है कि जब बाजार गिरता है, तो आपको सस्ते में ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं. बाजार के रिकवर होने पर यह अतिरिक्त यूनिट्स ज्यादा फायदा देती हैं.”
  • इक्विटी एसआईपी को लंबी अवधि तक होल्ड करें: दिवंगत निवेशक राकेश झुनझुनवाला हमेशा कहा करते थे, “शेयर बाजार में पैसा वही बनाता है, जो धैर्य रखता है. गिरावट में खरीदी गई यूनिट्स लॉन्ग टर्म में शानदार रिटर्न देती हैं.”

क्या मौजूदा स्थिति में SIP जारी रखना सही है?

  • हां, अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं.
  • हां, अगर आप मार्केट में उतार-चढ़ाव को हैंडल कर सकते हैं.
  • हां, अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं.
  • नहीं, अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत है और आप लॉन्ग टर्म में होल्ड नहीं कर सकते.

इसे भी पढ़ें: Tax: आपके लिए पुरानी कर व्यवस्था फायदेमंद है या न्यू टैक्स रीजीम, किसमें मिलेगी सबसे अधिक छूट

SIP के निवेशकों को सलाह

शेयर बाजार की गिरावट SIP निवेशकों के लिए चिंता का कारण नहीं, बल्कि निवेश का अच्छा अवसर हो सकता है. लंबी अवधि में एसआईपी हमेशा फायदेमंद होता है, क्योंकि यह “रुपये की औसत लागत” को लागू करता है.

इसे भी पढ़ें: महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी का कौन उठाएगा खर्च, पढ़ें रिपोर्ट

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel