SIP में पैसा लगा दिया है? बढ़िया बात! लेकिन कहीं आप भी तो उन मासूम निवेशकों में से नहीं जो कुछ भारी-भरकम गलतियां कर बैठते हैं और फिर सिर पकड़कर बैठे रह जाते हैं? घबराइए मत, हम बता रहे हैं वो 6 गलतियां जो SIP इन्वेस्टमेंट में आपको चूना लगा सकती हैं.
बिना सोचे-समझे दूसरों की बातों में आ जाना
भैया, SIP कर लो, फ्यूचर सिक्योर हो जाएगा!” ये सुनकर जोश में आकर पैसा लगा दिया? अरे भाई, अपने फाइनेंशियल गोल और रिस्क कैपेसिटी को देखे बिना निवेश करना वैसा ही है जैसे बिना सीट बेल्ट के कार दौड़ा देना.
अपनी आर्थिक स्थिति का आकलन न करना
बॉस, महीने का बजट और खर्चे देखे बिना SIP चालू कर दिया तो मुश्किल में फंस सकते हैं. ऐसा न हो कि EMI, बच्चों की फीस और दूसरे खर्चे निकालने के लिए आपको SIP बंद करनी पड़े. पहले अपनी जेब टटोलो, फिर इन्वेस्टमेंट प्लान बनाओ.
बीच में ही SIP को बंद कर देना
SIP कोई इंस्टेंट नूडल्स नहीं है कि 2 मिनट में रिजल्ट मिल जाए. इसमें सब्र चाहिए. मार्केट गिरा तो घबरा गए? SIP बंद कर दी? भाईसाब, मार्केट की गिरावट तो मौका है सस्ते में यूनिट्स खरीदने का! SIP रोकने का मतलब है लॉन्ग टर्म फायदे को लात मारना.
निवेश में विविधता न रखना
पूरी पूंजी एक ही फंड में डाल दी? गलत कर रहे हो! SIP पोर्टफोलियो को अच्छा-खासा डायवर्सिफाई करो. लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और डेब्ट फंड का मिक्स रखो, ताकि रिस्क बैलेंस रहे.
फंड के खर्चों पर ध्यान न देना
कोई भी फंड फ्री में नहीं चलता! एक्सपेंस रेश्यो यानी कि फंड मैनेजमेंट फीस पर भी नजर रखो. ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो वाला फंड चूना लगा सकता है. कम खर्चे वाले फंड से ही दोस्ती करो, तभी असली फायदा मिलेगा.
पोर्टफोलियो का समय-समय पर रिव्यू न करना
इन्वेस्टमेंट किया और भूल गए? फिर तो रिस्क आपका ही है! साल-दो साल में एक बार पोर्टफोलियो रिव्यू करना जरूरी है. देखो कि जो फंड परफॉर्म नहीं कर रहे, उन्हें रिप्लेस करो, ताकि ग्रोथ बनी रहे.
तो अब क्या करें?
SIP में निवेश से पहले सही प्लानिंग करें. मार्केट गिरने से घबराएं नहीं, SIP जारी रखें. अपने पोर्टफोलियो को समय-समय पर रिव्यू करें. वरना जनाब, SIP से बड़ा नुकसान भी हो सकता है, और आपको लगेगा कि काश, पहले समझ लिया होता.
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