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SIP: करोड़पति बनाने वाला एसबीआई का फंड, हर महीने डालने होंगे सिर्फ 10,000 रुपये

SIP: एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए बेहतरीन है, जो कर लाभ के साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की तलाश में हैं. हालांकि, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर ले लें.

SIP: थोड़े से पैसे लगाकर कम समय में आप भी करोड़पति बनना चाहते होंगे, लेकिन आपको इसका नियम और सही म्यूचुअल फंड का पता नहीं होगा. इसलिए आप अपने मन के मुताबिक रिटर्न हासिल नहीं कर पाए होंगे या आपने अभी तक शुरुआत नहीं की है. अगर आप भी दूसरों की तरह अपनी गाढ़ी कमाई से ढेरों पैसे जुटाना चाहते हैं, तो आपको एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) का रास्ता अख्तियार करना होगा. एसआईपी के जरिए आप अच्छे म्यूचुअल फंड में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा जमा कर सकेंगे. ऐसे ही म्यूचुअल फंडों में से एक एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड है, जो अपने निवेशकों को सिर्फ 17 साल में ही करोड़पति बना दिया. आइए, इसके बारे में जानते हैं.

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड क्या है?

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई का एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) है, जो मुख्य रूप से इक्विटी और इक्विटी संबंधित फंडों में निवेश करती है. यह फंड निवेशकों को टैक्स बेनिफिट के साथ-साथ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का चांस भी देता है. इस फंड का मुख्य उद्देश्य इक्विटी क्यूमलेटिव कन्वर्टिबल फ्रीफरेंस शेयर्स और पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर और बॉन्ड में निवेश के माध्यम से कैपिटल गेन करना है. नवंबर 1999 में, इस स्कीम को एक ओपन-एंडेड स्कीम में परिवर्तित किया गया था.

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड में निवेश का ब्योरा

  • घरेलू इक्विटी में निवेश: 90.17%
  • लार्ज कैप स्टॉक्स: 52.35%
  • मिड कैप स्टॉक्स: 8.62%
  • स्मॉल कैप स्टॉक्स: 9.3%
  • एनएवी: 24 दिसंबर 2024 तक, इस फंड का नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) 426.58 रुपये है.

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड पर मिलने वाला रिटर्न

  • 1 वर्ष: 32.96%
  • 3 वर्ष: 25.88%
  • 5 वर्ष: 24.18%
  • लॉन्च से अब तक: 17.15%

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड के कैटेगरी रिटर्न्स

  • 1 वर्ष: 23.11%
  • 3 वर्ष: 18.09%
  • 5 वर्ष: 19.24%
  • फंड का आकार: 5 पैसा के अनुसार, 20 दिसंबर 2024 तक इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 27,847 करोड़ रुपये है.
  • व्यय अनुपात: इस फंड का व्यय अनुपात 0.93% है.

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड के टॉप होल्डिंग्स

  • एचडीएफसी बैंक: 7.57%
  • रिलायंस इंडस्ट्रीज: 3.75%
  • आईसीआईसीआई बैंक: 3.46%
  • भारती एयरटेल: 3.25%

इन टॉप सेक्टर्स में पैसा लगाता है एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड

  • बैंकिंग: 16.81%
  • वित्तीय सेवाएं: 8.95%
  • ऑटोमोबाइल: 6.58%
  • औद्योगिक उत्पाद: 6.24%
  • फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक: 6.2%

एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड में न्यूनतम निवेश

  • एसआईपी: 500 रुपये
  • लंपसम: 500 रुपये
  • लॉक-इन पीरियड: इस फंड में 3 वर्षों की लॉक-इन अवधि होती है, जो इसे टैक्स बचत के लायक बनाती है.

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एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने ऐसे बनाया करोड़पति

न्यूज18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, एसबीआई की म्यूचुअल फंड स्कीम एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड में कोई निवेशक एसआईपी के जरिए 17 साल पहले हर महीने केवल 10,000 रुपये जमा किया होगा, तो आज उसके पास 1 करोड़ रुपये से भी अधिक पैसा होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने अपने निवेशकों को 16.69% सालाना रिटर्न दिया है. पिछले 17 सालों में कोई निवेशक हर महीने 10,000 रुपये जमा किया होगा, तो उसने इस फंड में करीब 20.40 लाख रुपये जमा हुए होंगे. इस पर कंपाउंड इंट्रेस्ट के साथ16.69% सालाना रिटर्न भी मिला होगा. इन दोनों को मिलाकर उसके पास फिलहाल 1,00,09,049 रुपये जमा हो गया होगा.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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