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भारत में कितना महंगा बिकता है जहरीले सांपों का जहर? ‘बिग फोर’ की कीमत सबसे अधिक

Snake Venom Price: भारत में कोबरा, करैत, रसल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर जैसे जहरीले सांपों का जहर करोड़ों में बिकता है. इसका इस्तेमाल एंटी-वेनम बनाने, कैंसर और न्यूरोलॉजिकल रिसर्च में होता है, जबकि कुछ लोग इसका दुरुपयोग नशे के लिए भी करते हैं. कोबरा का जहर सबसे महंगा माना जाता है, जिसकी कीमत प्रति लीटर 3-4 करोड़ रुपये तक हो सकती है. जहर के अवैध कारोबार को रोकने और चिकित्सा उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है.

Snake Venom Price in India: भारत में पाए जाने वाले जहरीले सांपों का जहर न केवल जीवन रक्षक दवा के निर्माण में इस्तेमाल होता है, बल्कि इसकी काली बाजार में कीमत भी करोड़ों रुपये तक जाती है. यह जहर दुर्लभ, प्रभावशाली और नियंत्रित किया जाने वाला पदार्थ है, जिसे “बिग फोर” सांपों से निकाला जाता है. इन बिग फोर सांपों में इंडियन कोबरा, कॉमन करैत, रसल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर शामिल हैं.

“बिग फोर” सांप का जहर सबसे अधिक महंगा

एबीपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिग फोर प्रजाति के सांपों का जहर एंटी-वेनम उत्पादन में मुख्य रूप से प्रयोग होता है. विशेष रूप से इंडियन कोबरा और किंग कोबरा का जहर बेहद महंगा होता है.

  • कोबरा जहर: अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 ग्राम शुद्ध कोबरा जहर की कीमत 5,000 से 10,000 डॉलर (लगभग 4 से 8 लाख रुपये) हो सकती है.
  • किंग कोबरा जहर: किंग कोबरा का जहर और भी दुर्लभ होता है, जिसकी कीमत प्रति ग्राम 10,000 डॉलर से अधिक हो सकती है.
  • दूसरे सांपों का जहर: करैत और वाइपर प्रजातियों का जहर भी लाखों रुपये प्रति लीटर बिकता है. यह कीमतें शुद्धता, स्रोत और इस्तेमाल के आधार पर तय होती हैं.

चिकित्सा में इस्तेमाल होता है सांपों का जहर

सांपों के जहर का सबसे प्रमुख और वैध उपयोग एंटी-वेनम बनाने में होता है. भारत में सात प्रमुख फार्मास्युटिकल प्रयोगशालाएं “बिग फोर” के जहर से पॉलिवैलेंट एंटी-वेनम तैयार करती हैं. घोड़ों या भेड़ों में जहर इंजेक्ट कर उनके शरीर से तैयार की गई एंटीबॉडी को प्रोसेस कर दवा बनाई जाती है. एक शीशी एंटी-वेनम की कीमत 550 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है. यह दवा हर साल भारत में सर्पदंश से होने वाली लगभग 50,000 मौतों को रोकने में अहम भूमिका निभाती है.

सांपों के जहर का नशे के लिए तस्करी

रिपोर्ट में कहा गया है कि सांपों के जहर का एक और पहलू उसका अवैध इस्तेमाल और कारोबार है. कुछ तस्कर इसे केमिकल्स के साथ मिलाकर नशे के रूप में बेचते हैं. राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में जहर तस्करी के कई मामले सामने आए हैं. यह नशा अत्यंत खतरनाक होता है और शरीर की तंत्रिका प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. कानूनन, सांप का जहर संरक्षित वन्यजीव अधिनियम के अंतर्गत आता है और इसकी खरीद-फरोख्त बिना अनुमति के अपराध है.

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दोधारी तलवार है सांपों का जहर

भारत में सांपों का जहर एक दोधारी तलवार है. यह एक तरफ जहां जीवन बचाता है, वहीं दूसरी ओर अवैध गतिविधियों में जीवन के लिए खतरा भी बनता है. “बिग फोर” के जहर की कीमत करोड़ों में है, लेकिन इसके प्रयोग को नियंत्रित करने के लिए सख्त निगरानी, जन-जागरूकता और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं अनिवार्य हैं.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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