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अगले हफ्ते कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल? टैरिफ वॉर और भारत-पाक तनाव से बदला है माहौल

Stock Market Prediction: 28 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले कारोबारी सप्ताह में भारतीय शेयर बाजार सतर्क रुख अपना सकता है. टैरिफ वॉर और भारत-पाक तनाव से माहौल बदला है. विशेषज्ञों के अनुसार निफ्टी में गिरावट जारी रह सकती है, जबकि वित्तीय और उपभोक्ता क्षेत्र में निवेश रुचि बनी रहेगी. वैश्विक और घरेलू कारकों का बाजार पर प्रभाव दिख सकता है.

Stock Market Prediction: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से छेड़े गए टैरिफ वॉर और पहलगाम आतंकी हमले के उपजे भारत-पाकिस्तान के तनाव से घरेलू शेयर बाजार की वजह से निवेशकों में घबराहट का माहौल बना हुआ है. इस कारण घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है. कारोबारी सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार 25 अप्रैल 2025 को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 589 अंक गिरकर 79,212.53 पर और निफ्टी 207 अंक फिसलकर 24,039.35 पर बंद हुए थे. इस गिरावट का मुख्य कारण वित्तीय और बैंकिंग शेयरों में बिकवाली रहा. हालांकि, आईटी शेयरों ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया. अब सवाल यह भी पैदा होता है कि 28 अप्रैल 2025 सोमवार से शुरू होने वाले कारोबारी सप्ताह में भी गिरावट का दौर जारी रहेगा या बढ़त दर्ज होगी? आइए, जानते हैं कि बाजार के एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

तकनीकी विश्लेषण और बाजार की चाल

एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के अनुसार, निफ्टी ने अपने 200-दिवसीय मूविंग एवरेज (डीएमए) के नीचे बंद किया है, जो एक मंदी का संकेत है. वे मानते हैं कि निकट भविष्य में निफ्टी में और गिरावट हो सकती है, जिसमें 23,800 और 23,515 के स्तर समर्थन के रूप में कार्य कर सकते हैं. 25 अप्रैल को सेंसेक्स 589 अंक गिरकर 79,212.53 पर और निफ्टी 207 अंक फिसलकर 24,039.35 पर बंद हुआ.

वैश्विक कारक और आर्थिक संकेतक

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ वीके विजयकुमार के मुताबिक, पिछले आठ कारोबारी दिनों में एफआईआई की ओर से 32,465 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई है. यह खरीदारी डॉलर इंडेक्स में गिरावट और भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि दर के चलते हुई है, जो निवेशकों को आकर्षित कर रही है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ाया है, जिससे सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे सोने की मांग बढ़ रही है. हालांकि, भारत में बेहतर मानसून की भविष्यवाणी और खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट जैसी सकारात्मक खबरें कृषि और उपभोक्ता मांग को समर्थन दे सकती हैं.

सेक्टोरल रुझान और निवेशकों की रणनीति

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों का ध्यान अब घरेलू क्षेत्रों जैसे वित्तीय, उपभोक्ता वस्तुएं, रक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित है, जो निर्यात पर कम निर्भर हैं. 2025 में अब तक वित्तीय क्षेत्र में 12% से अधिक की वृद्धि देखी गई है. वहीं, उपभोक्ता क्षेत्र के बड़े स्टॉक्स जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और नेस्ले ने मार्च से 9-11% तक का रिटर्न दिया है.

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बाजार में बना रह सकता है सतर्कता का माहौल

बाजार विश्लेषकों का यह भी कहना है कि 28 अप्रैल से शुरू हो रहे सप्ताह में भारतीय शेयर बाजारों में सतर्कता का माहौल बना रह सकता है. तकनीकी संकेतकों के अनुसार, निफ्टी में और गिरावट की संभावना है, जबकि कुछ घरेलू क्षेत्रों में निवेशकों की रुचि बनी रह सकती है. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और घरेलू आर्थिक संकेतकों के बीच संतुलन बनाना निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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