Success Story: बिहार के दरभंगा के रहने वाले श्रवण कुमार रॉय ने यह साबित कर दिखाया है कि अगर सही योजना और समर्पण के साथ काम किया जाए, तो खेती-किसानी से जुड़े व्यवसाय में भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. श्रवण 2019 में अदाणी ग्रुप में एक अच्छी नौकरी कर रहे थे. उनकी सालाना सैलरी 8 लाख रुपए थी. उसी दौरान उन्होंने अपनी पत्नी से गांव लौटने की बात की. उनकी पत्नी ने चौंकते हुए कहा, “लोग गांव से शहर कमाने आते हैं, और आप इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर गांव जाना चाहते हैं?” श्रवण ने जवाब दिया, “मुझे दो साल का समय दो, मैं अपनी मौजूदा सैलरी जितना मखाना के बिजनेस से कमा सकता हूं.”
गांव वापसी और चुनौतियां
गांव लौटने के बाद श्रवण ने मखाना के व्यवसाय की शुरुआत की, लेकिन जल्द ही कोरोना महामारी आ गई. लॉकडाउन के दौरान श्रवण को अपनी बचत पर निर्भर रहना पड़ा और उन्हें समाज के ताने भी सुनने पड़े. लोगों ने कहा, “इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर घर पर बैठा खा रहा है.”
मखाना व्यवसाय में शुरुआत
श्रवण की कंपनी आज फ्लेवर में मखाना आधारित स्नैक्स का निर्माण कर रही है. उनकी प्रोसेसिंग यूनिट में मखाना पैकिंग का कार्य चल रहा है. श्रवण ने मखाना का आटा भी तैयार किया, जिसका उपयोग कुकीज, इडली, डोसा, और कुल्फी जैसी चीजों में किया जाता है. श्रवण बताते हैं, “जब मैं लोगों को बताता हूं कि यह मखाने के आटे से बना है, तो वे यकीन नहीं करते. मखाना, जो कभी मिथिला और बिहार तक सीमित था, आज सुपर फूड के रूप में पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है.”
श्रवण ने अपने मखाना उत्पादों में 22 प्रकार के प्रोडक्ट्स विकसित किए हैं. इनमें मखाना कुकीज विशेष रूप से लोकप्रिय हैं. वे बताते हैं, “इसमें जीरो मैदा है, और किसी भी प्रकार का प्रिजर्वेटिव नहीं डाला गया है.”
मखाना व्यवसाय का विचार कैसे आया?
श्रवण बताते हैं कि उनके परिवार में कभी बिजनेस करने की परंपरा नहीं रही. वर्ष 2010 में कॉलेज के दौरान उन्होंने एक प्रोजेक्ट के तहत मखाना पॉपिंग मशीन तैयार की थी. उस समय दक्षिण भारत में मखाना का कोई चलन नहीं था. इस मशीन का वीडियो उन्होंने सोशल मीडिया पर डाला, जिसके बाद कई लोगों ने उनसे मखाना के बारे में जानकारी लेनी शुरू की. यहीं से उन्हें मखाना के व्यवसाय का विचार आया.
17 हजार से बिजनेस की शुरुआत
श्रवण ने 17 हजार रुपए की मामूली राशि से मखाना व्यवसाय की शुरुआत की थी. आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक है. मखाना के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. मखाना में फैट फ्री होने के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक और सोडियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.
श्रवण अपने प्रोडक्ट को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में बेचते हैं. वे राज्य और राज्य के बाहर आयोजित होने वाले एग्जीबिशन में भाग लेते हैं, जिससे उन्हें नए क्लाइंट्स जोड़ने में मदद मिलती है.
Also Read: चीन का माल होगा महंगा, मोदी सरकार ने लगाई लगाम
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.