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दुकानदारों के नाम-पता जानने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्यों सरकारों को भेजा नोटिस

Consumer Rights: सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ताओं को दुकानदारों, डीलरों और वितरकों की जानकारी देने संबंधी याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. याचिका में मांग की गई है कि दुकानों के बाहर नाम, पता, संपर्क नंबर और रजिस्ट्रेशन विवरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं. याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने उपभोक्ताओं के ‘जानने के अधिकार’ को ज़रूरी बताते हुए पारदर्शिता और निष्पक्ष बाजार व्यवस्था की मांग की है. कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.

Consumer Rights: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों को एक याचिका पर नोटिस जारी किया है जिसमें उपभोक्ताओं को दुकानदारों, डीलरों और वितरकों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने की मांग की गई है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.

याचिका में मांगी गई पारदर्शिता

सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है. इसमें अपील की गई है कि सभी दुकानदार, डीलर, व्यापारी और वितरक अपने नाम, पता, संपर्क नंबर और रजिस्ट्रेशन की जानकारी दुकान के प्रवेश द्वार पर मोटे अक्षरों में प्रदर्शित करें, ताकि उपभोक्ता आसानी से पहचान सकें कि वे किससे लेन-देन कर रहे हैं.

उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा की मांग

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि जब दुकानदार या वितरक स्पष्ट विवरण नहीं देते, तो उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी, भ्रामक जानकारी या सेवा और उत्पाद संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे मामलों में उपभोक्ताओं के लिए शिकायत दर्ज करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए, पारदर्शिता उपभोक्ता संरक्षण के लिए जरूरी है.

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निष्पक्ष बाजार की दिशा में कदम

याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि व्यापारी और वितरक पारदर्शिता बरतते हैं, तो इससे बाजार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा. उपभोक्ता विचार करके, समझदारी से विकल्प चुन पाएंगे और अनुचित व्यापार प्रथाओं से बच सकेंगे. उपाध्याय ने रेखांकित किया कि उपभोक्ता को सिर्फ उत्पाद की गुणवत्ता, मात्रा, मापदंड, निर्माण और समाप्ति तिथि या एफएसएसएआई और बीआईएस प्रमाणन की जानकारी ही नहीं, बल्कि विक्रेता का विवरण जानने का भी पूरा अधिकार है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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