Taj Mahal Earnings: मुगल बादशाह शाहजहां जब अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल बनवा रहे होंगे, तब उन्हें इस बात का इल्म भी नहीं रहा होगा कि उनका ये ताज आज इतना बेशकीमती और कमाऊ हो जाएगा. आज अगर शाहजहां जिंदा रहते, तो ताजमहल से कहीं अधिक उससे होने वाली कमाई को निहारते. इसका कारण यह है कि उनके द्वारा बनाया गया ताजमहल आज दुनिया भर के धरोहर स्थलों में एक तो बना हुआ है ही, कमाई के मामले में भी रिकॉर्ड कायम कर रहा है.
ताजमहल की रिकॉर्ड कमाई
सरकारी आंकड़ों की मानें, तो भारत में ताजमहल सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ऐतिहासिक धरोहर है. यह खुलासा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की तरफ से जारी आंकड़ों से हुआ है. पिछले पांच साल के दौरान ताजमहल की टिकट बिक्री से 297 करोड़ रुपये का राजस्व वसूला गया है. एएसआई के आंकड़ों में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुतुब मीनार 23.8 करोड़ रुपये के साथ कमाई करने के मामले दूसरे नंबर और 18.08 करोड़ रुपये के साथ दिल्ली का लालकिला तीसरे स्थान पर रहा है.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने संसद को दी जानकारी
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में इसकी जानकारी दी है. उन्होंने संसद में वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 तक आंकड़ा पेश किया है. उनसे पिछले पांच साल में अलग-अलग स्मारकों के प्रवेश टिकट की बिक्री से एएसआई को हासिल होने वाली राशि के बारे में सवाल पूछा गया था. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020 में आगरा किला और कुतुब मीनार दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे. वित्तीय वर्ष 2021 में तमिलनाडु में महाबलीपुरम के स्मारकों का समूह और कोणार्क का सूर्य मंदिर दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.
22 साल में बना था ताजमहल
मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू कराया था और यह 1653 में पूरा हुआ. इसे मुगल बादहशा शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाया था, जिनकी मृत्यु 1631 में हुई थी. यह विश्व प्रसिद्ध स्मारक उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में यमुना नदी के किनारे स्थित है और इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है. ताजमहल की वास्तुकला फारसी, इस्लामी और भारतीय शैलियों का एक सुंदर मिश्रण है और इसे बनाने में लगभग 22 साल लगे.
320 लाख रुपये में बना था ताजमहल
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ताजमहल के निर्माण में शाहजहां ने उस समय के हिसाब से अनुमानित 320 लाख रुपये खर्च किए थे, जो आज के मूल्य में लगभग 7,00,000 लाख रुपये (लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के बराबर हो सकता है. इस भव्य स्मारक को बनाने में 20,000 से अधिक कारीगरों ने काम किया. निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सफेद संगमरमर को राजस्थान से लाया गया, जबकि अन्य कीमती पत्थर और रत्न अफगानिस्तान, तिब्बत, और अरब जैसे क्षेत्रों से मंगवाए गए. इसके अलावा, मजदूरों, वास्तुकारों, और सामग्री की लागत को मिलाकर यह उस समय की सबसे महंगी परियोजनाओं में से एक थी.
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ठंड के महीनों में ताज का दीदार करते हैं पर्यटक
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ताजमहल सबसे ज्यादा आकर्षक पर्यटन स्थल है. यहां पर अक्टूबर, नवंबर और फरवरी के ठंडे महीनों में सबसे अधिक देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं. हर साल करीब 70 से 80 लाख लोग इसका दीदार करते हैं, जिनमें से 8 लाख से अधिक विदेशी पर्यटक होते हैं.
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