24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

28 साल से नहीं ली सैलरी, पेंशन दान कर दी, 83 साल की उम्र में भी कर रहे हैं मुफ्त इलाज

Tapan Kumar Lahiri: डॉ. तपन कुमार लाहिड़ी पिछले 28 वर्षों से सैलरी नहीं ले रहे हैं और अपनी पेंशन तक दान कर चुके हैं. 83 साल की उम्र में भी वे BHU में मरीजों का निःशुल्क इलाज कर रहे हैं. उनका जीवन सेवा और सादगी की मिसाल है.

Tapan Kumar Lahiri: जब मेडिकल प्रोफेशन कमाई का जरिया बनता जा रहा है, तब डॉ. तपन कुमार लाहिड़ी जैसे लोग इस पेशे की असली परिभाषा को जिंदा रखे हुए हैं. पद्मश्री सम्मानित डॉ. लाहिड़ी पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से बिना फीस लिए मरीजों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने न सिर्फ अपनी तनख्वाह छोड़ दी, बल्कि खुद की ज़रूरतें भी बेहद सीमित कर दीं ताकि जरूरतमंदों की मदद होती रहे.

कोलकाता से इंग्लैंड और फिर बनारस

डॉ. लाहिड़ी का जन्म कोलकाता में हुआ. पढ़ाई के लिए वो इंग्लैंड गए और वहां से 1969 में FRCS (Cardiac Surgery) और 1972 में M.Ch (Thoracic Surgery) की डिग्रियां हासिल कीं. इसके बाद उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में बतौर फैकल्टी करियर शुरू किया.

BHU से जुड़ाव और सेवा की शुरुआत

डॉ. लाहिड़ी BHU में रीडर से लेकर विभागाध्यक्ष तक बने. उनकी योग्यता और अनुभव उन्हें ऊंचे ओहदों पर ले गए, लेकिन उन्होंने कभी भी खुद को ‘ऊपर’ नहीं समझा.
1994 से उन्होंने अपनी पूरी सैलरी गरीब मरीजों के इलाज के लिए दान करनी शुरू कर दी. और 1997 से उन्होंने तनख्वाह लेना ही बंद कर दिया. उनके रिटायरमेंट के बाद, 2003 में BHU ने उन्हें प्रोफेसर एमेरिटस का दर्जा दिया, लेकिन उन्होंने वहां भी कोई वेतन नहीं लिया.

खुद की जरूरतें बेहद सीमित, बाकी सब गरीबों के नाम

आज जब डॉ. लाहिड़ी पेंशन पाते हैं, तो उसमें से भी सिर्फ दो वक्त के भोजन लायक पैसा रखते हैं और बाकी BHU को गरीब मरीजों की सहायता के लिए दान कर देते हैं. उनका कहना है, “मेरे लिए दो वक्त की रोटी काफी है, लेकिन किसी मरीज की जान बच सकती है तो वो ज्यादा जरूरी है.”

सरकार ने दिया पद्मश्री, लेकिन उन्होंने इसे भी सेवा का हिस्सा माना

Image 9
प्रोफेसर डॉ. तपन कुमार लाहिड़ी (bhu) को पद्मश्री सम्मान (2016) प्राप्त हुआ

2016 में भारत सरकार ने डॉ. लाहिड़ी को ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया. लेकिन उन्होंने इसे भी बेहद सादगी से स्वीकार किया और कहा कि ये सम्मान महामना पं. मदन मोहन मालवीय के आदर्शों और BHU के मूल्यों को समर्पित है. एक मिसाल, एक प्रेरणा डॉ. तपन कुमार लाहिड़ी सिर्फ एक डॉक्टर नहीं, सेवा और त्याग की मूर्त मिसाल हैं. जब देश में मेडिकल पेशा अक्सर मुनाफाखोरी के लिए बदनाम होता है, तब डॉ. लाहिड़ी जैसे लोग ये साबित करते हैं कि डॉक्टर बनना सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि मानवता का व्रत है.

Also Read: बस-कार नहीं आप अपनों के लिए बुक करा सकते हैं फुल ट्रेन, जानें कैसे?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Abhishek Pandey
Abhishek Pandey
भोजन • संगीत • साहित्य • फ़िल्म • भ्रमण • माँ • पत्रकारिता

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel