Tesla: दुनिया की अग्रणी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने आखिरकार भारत में अपनी आधिकारिक उपस्थिति दर्ज करा दी है. मंगलवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में टेस्ला का पहला ‘एक्सपीरियंस सेंटर’ खोला गया है. इस सेंटर का उद्घाटन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अन्य गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में किया.
सरकार की अपील: भारत में हो निर्माण
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री फडणवीस ने टेस्ला को भारत में न केवल बिक्री बल्कि अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण गतिविधियों की स्थापना के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि अनुसंधान, विकास और निर्माण भारत में ही हो. टेस्ला को इस यात्रा में महाराष्ट्र को एक भागीदार मानना चाहिए.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला दिखाता है कि टेस्ला को मुंबई और महाराष्ट्र पर विश्वास है.
टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर की खासियत
टेस्ला का ‘एक्सपीरियंस सेंटर’ पारंपरिक कार शोरूम से हटकर एक अनूठा केंद्र है, जहां ग्राहक न केवल गाड़ियों को देख सकते हैं, बल्कि उन्हें प्रत्यक्ष रूप से अनुभव भी कर सकते हैं. यह सेंटर टेस्ला के उत्पादों और प्रौद्योगिकी को आम उपभोक्ताओं तक इंटरैक्टिव तरीके से पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
फडणवीस की टेस्ला से पुरानी यादें
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मौके पर बताया कि उन्होंने 2015 में अमेरिका में पहली बार टेस्ला चलाई थी. उन्होंने कहा, “तब मैंने सोचा था कि भारत में भी ऐसी गाड़ी होनी चाहिए. इसमें करीब 10 साल लग गए, लेकिन अब आप यहां हैं. भारत में लोग टेस्ला का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मुझे यकीन है कि जब आपूर्ति शुरू होगी, तो भारत आपके सबसे बड़े बाज़ारों में से एक बन जाएगा.”
मुंबई को बताया ‘सही शहर और राज्य’
मुख्यमंत्री ने टेस्ला के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि मुंबई न केवल देश की वित्तीय, वाणिज्यिक और मनोरंजन राजधानी है, बल्कि यह एक उद्यमशीलता और तकनीकी नवाचार का केंद्र भी है. उन्होंने महाराष्ट्र की विनिर्माण नीतियों, चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, और इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन योजनाओं को भारत में सबसे बेहतरीन बताया.
लॉजिस्टिक्स और भविष्य की तैयारियां
टेस्ला इंडिया ने हाल ही में मुंबई के लोढ़ा लॉजिस्टिक्स पार्क में 24,565 वर्ग फुट का वेयरहाउसिंग स्पेस पांच वर्षों के लिए पट्टे पर लिया है. कंपनी लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रीब्यूशन के लिहाज से भी अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है.
निर्माण को लेकर संशय बरकरार
हालांकि, जून 2025 में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि टेस्ला फिलहाल भारत में कार निर्माण की इच्छुक नहीं है और वह केवल शोरूम खोलने पर फोकस कर रही है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टेस्ला भविष्य में भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में अपनाती है या नहीं.
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ईवी इंडस्ट्री में गेम-चेंजर
टेस्ला की भारत में यह शुरुआत केवल एक सेंटर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में एक नई क्रांति की शुरुआत भी हो सकती है. यदि टेस्ला आगे चलकर विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास में निवेश करती है, तो यह भारत की ईवी इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
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